द फॉलोअप डेस्क:
बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में जातिगत जनगणना और आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट पेश कर दी। रिपोर्ट में जिक्र है कि बिहार में किस जाति की आर्थिक स्थिति कैसी है। रिपोर्ट के आधार पर अब बिहार में आरक्षण की सीमा बढ़ाने की मांग तेज हो गई है। बिहार बीजेपी के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि हमारी पार्टी ने बिहार में आरक्षण की सीमा बढ़ाने के लिए अपना पूरा समर्थन दिया है। आगे भी ऐसा करते रहेंगे। वहीं, पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी आरक्षण की सीमा की समीक्षा किए जाने की बात की है। उनका फोकस स्थानीय निकाय को लेकर था।
बिहार में एससी आरक्षण में 4 फीसदी इजाफा की मांग
मंगलवार को मीडिया से मुखातिब सम्राट चौधरी ने कहा कि राज्य में अनुसूचित जाति की आरक्षण सीमा में 4 फीसदी का इजाफा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एससी को अभी मिलने वाला 16 फीसदी आरक्षण बढ़ाकर 20 फीसदी किया जाना चाहिए। वहीं, उन्होंने कहा कि हमने सरकार से अनुरोध किया है कि अनुसूचित जनजाति की आरक्षण सीमा 2 फीसदी से बढ़ाकर 2 फीसदी करना चाहिए। बिहार में फिलहाल एसटी समुदायों को 1 फीसदी आरक्षण है।
#WATCH | Bihar BJP President Samrat Chaudhary says, "BJP gave its full support to the increase the reservation limits in Bihar...The 16% reservation to the SC should be increased to 20%. We requested that the 1% reservation for the ST should be increased to 2%. BJP has always… pic.twitter.com/Uemi7K3EQx
— ANI (@ANI) November 7, 2023
सुशील कुमार मोदी की आरक्षण पर क्या राय है
दूसरी ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा आरक्षण बढ़ाने के प्रस्ताव पर सुशील कुमार मोदी ने कहा कि यदि अति पिछड़ा वर्ग के हितों की रक्षा नहीं की गई तो बढ़ा हुआ आरक्षण किसी काम का नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना के वार्ड और पंचायत वार डाटा प्रकाशित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं इसे विधानसभा में उठाऊंगा। सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सरकार ने अभी पंचायत और निकाय चुनावों में आरक्षण पर कुछ नहीं कहा है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि गुरुवार तक इस बारे में विधेयक लाएं। उन्होंने कहा कि पंचायतों में फिलहाल 37 फीसदी आरक्षण है। इसे 50 फीसदी किया जा सकता है।
#WATCH | Patna, Bihar: On the CM Nitish Kumar's proposal to increase the reservation, BJP leader Sushil Modi says, "If the rights of the Extremely Backward Classes are not safeguarded, the increased reservation would not be beneficial to them... Ward wise and Panchayat wise data… pic.twitter.com/lNrjnO6Gu6
— ANI (@ANI) November 7, 2023
जातिगत सर्वेक्षण करने वाला पहला राज्य बना बिहार
गौरतलब है कि बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने पहले ही जातिगत सर्वेक्षण के आंकड़े जारी कर दिए थे। इसके बाद आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़े भी जारी किए। इससे 2 बातों का पता चला। पहला कि बिहार में किस जाति की कितनी आबादी है और दूसरा यह कि किस जाति की आर्थिक स्थिति क्या है। किस जाति की प्रति व्यक्ति आय ज्यादा है किस जाति के लोग ज्यादा संख्या में सरकारी सेवाओं में हैं। बता दें कि जातिगत सर्वेक्षण जारी होने के बाद जहां आरजेडी के लालू यादव ने जिसकी जितनी आबादी, उसकी उतनी हिस्सेदारी की बात की थी वहीं सीएम नीतीश ने आर्थिक आधार पर विकास की बात कही थी।