logo

बिहार में SC को मिले 20% आरक्षण, ST में हो 1% का इजाफा; बिहार BJP अध्यक्ष ने उठाई मांग

a513.jpeg

द फॉलोअप डेस्क:

बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में जातिगत जनगणना और आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट पेश कर दी। रिपोर्ट में जिक्र है कि बिहार में किस जाति की आर्थिक स्थिति कैसी है। रिपोर्ट के आधार पर अब बिहार में आरक्षण की सीमा बढ़ाने की मांग तेज हो गई है। बिहार बीजेपी के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि हमारी पार्टी ने बिहार में आरक्षण की सीमा बढ़ाने के लिए अपना पूरा समर्थन दिया है। आगे भी ऐसा करते रहेंगे। वहीं, पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी आरक्षण की सीमा की समीक्षा किए जाने की बात की है। उनका फोकस स्थानीय निकाय को लेकर था। 

बिहार में एससी आरक्षण में 4 फीसदी इजाफा की मांग
मंगलवार को मीडिया से मुखातिब सम्राट चौधरी ने कहा कि राज्य में अनुसूचित जाति की आरक्षण सीमा में 4 फीसदी का इजाफा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एससी को अभी मिलने वाला 16 फीसदी आरक्षण बढ़ाकर 20 फीसदी किया जाना चाहिए। वहीं, उन्होंने कहा कि हमने सरकार से अनुरोध किया है कि अनुसूचित जनजाति की आरक्षण सीमा 2 फीसदी से बढ़ाकर 2 फीसदी करना चाहिए। बिहार में फिलहाल एसटी समुदायों को 1 फीसदी आरक्षण है।

 

सुशील कुमार मोदी की आरक्षण पर क्या राय है
दूसरी ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा आरक्षण बढ़ाने के प्रस्ताव पर सुशील कुमार मोदी ने कहा कि यदि अति पिछड़ा वर्ग के हितों की रक्षा नहीं की गई तो बढ़ा हुआ आरक्षण किसी काम का नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना के वार्ड और पंचायत वार डाटा प्रकाशित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं इसे विधानसभा में उठाऊंगा। सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सरकार ने अभी पंचायत और निकाय चुनावों में आरक्षण पर कुछ नहीं कहा है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि गुरुवार तक इस बारे में विधेयक लाएं। उन्होंने कहा कि पंचायतों में फिलहाल 37 फीसदी आरक्षण है। इसे 50 फीसदी किया जा सकता है।

जातिगत सर्वेक्षण करने वाला पहला राज्य बना बिहार
गौरतलब है कि बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने पहले ही जातिगत सर्वेक्षण के आंकड़े जारी कर दिए थे। इसके बाद आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़े भी जारी किए। इससे 2 बातों का पता चला। पहला कि बिहार में किस जाति की कितनी आबादी है और दूसरा यह कि किस जाति की आर्थिक स्थिति क्या है। किस जाति की प्रति व्यक्ति आय ज्यादा है किस जाति के लोग ज्यादा संख्या में सरकारी सेवाओं में हैं। बता दें कि जातिगत सर्वेक्षण जारी होने के बाद जहां आरजेडी के लालू यादव ने जिसकी जितनी आबादी, उसकी उतनी हिस्सेदारी की बात की थी वहीं सीएम नीतीश ने आर्थिक आधार पर विकास की बात कही थी।