जामताड़ा जिला अंतर्गत नाला विधानसभा सीट हमेशा हाइ प्रोफाइल रहा है। यह कभी वामपंथियों का गढ़ हुआ करती थी, जो अब एक दिलचस्प चुनावी मुकाबले का गवाह बनने जा रही है।
भारत में हर साल मनाए जाने वाले अनेक त्यौहारों में से दिवाली का विशेष महत्व है। यह पर्व न केवल हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए, बल्कि संपूर्ण भारत और विश्वभर में रहने वाले भारतीयों के लिए एक उत्सव है।
दीपावली पांच दिन का दीपोत्सव होता है। इसकी शुरुआत धनतेरस से होती है। इसका समापन भाई दूज के दिन होता है। दीपावली का पांच दिवसीय पर्व बेहद नजदीक आ गया है।
आखिर क्यों जनता की समस्याओं से दूर होते गये सांसद और विधायक
अगर संघ सचमुच देश में जाति विहीन समाज बनाना चाहता है तो उसे पिछड़े या दलित समाज के अपने स्वयं सेवक को संघ का प्रमुख बना देना चाहिए।
करम पर्व भारत के आदिवासियों का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। करम पर्व मुख्य रूप से झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, बिहार, मध्य प्रदेश एवं ऐसे राज्यों में मनाया जाता है जहां आदिवासी आबादी अधिक है। करम पर्व भादो के महीने में मनाया जाता है।
गुलजार को मैं कितना जानता हूं। क्या कभी मिला हूं उनसे। क्या मैं समझता हूं कि हिन्दी शायरी और फिल्मों में उनका रचनात्मक योगदान क्या है। अगर मैं कह दूं समझता हूं तो यह मुकम्मल झूठ होगा। अगर कहूं न तो यह भी झूठ होगा। दरअसल, मैं गुलजार को थोड़ा समझता हूं और अ
आज अगर पत्रकारिता के किसी स्टूडेंट से पूछ दिया जाये कि क्या आप स्वामीनाथन सदानंद को जानते हैं तो इसकी संभावना बहुत कम है कि वो कहें कि हां मैं उनको जानता हूं। और जब पत्रकारिता को 13 साल तक अपना जीवन देने के बाद मुझसे पूछा जाये कि एक पत्रकार के रुप में मैं
कृष्ण याद रखना नहीं भूल जाना सिखाते हैं। गोकुल को.. फिर मथुरा को.. और अंत में द्वारिका को भी कि ये सब मात्र पड़ाव हैं आश्रय नहीं। कहते रहिए उन्हें निर्मोही
महान शख्सियतों के जीवन में विडंबनाओं के एकाधिक पल अनिवार्य रुप से रहते हैं। मधुशाला के रचनाकार डॉ हरिवंश राय बच्चन के जीवन में भी थे। उनके जीवन में इसलिए थे क्योंकि वे कुछ बड़ा कर रहे थे, कुछ बड़ा रचनेवाले थे।
उलूलु ध्वनि के प्रति मेरी एक स्वाभाविक उत्सुकता रही है। बंग समुदाय की महिलाएं विवाह के अवसरों पर उलूलु ध्वनि का उच्चारण करती हैं और इसे कई बार करीब से देखने का मुझे अवसर मिला है।
आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी है। आज का दिन बेहद ही शुभ माना जाता है। यह त्योहार भगवान कृष्ण को समर्पित है। हिंदू पंचांग के अनुसार, 2024 वर्ष में जन्माष्टमी 26 अगस्त को मनाई जाएगी।