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3 लाख रुपये का एक किलो आम, झारखंड के इस गांव में किसान ने उगाया सबसे महंगा आम

खूंटी के तोरपा प्रखंड अंतर्गत मरचा गांव में परिवार के साथ रहते हैं। इन्होंने ही दुनिया का सबसे महंगा मियाजाकी आम, अपने बाग में उगाया है। फसल अच्छी हुई है। अच्छी कीमत मिलने की भी उम्मीद है। 

लोकसभा विशेष : UP ने दिया झटका! हिंदीभाषी राज्यों में बड़ा नुकसान, कैसे अपने बूते बहुमत से दूर रह गई BJP

350 प्लस लोकसभा सीटें हासिल करने का लक्ष्य रख चुनाव कैंपेन में उतरी बीजेपी आखिरकार कैसे 245 पर सिमटती दिखी।

जादूगोड़ा का दर्द : देश की परमाणु जरूरतों के लिए जिन्होंने यूरेनियम दिया, बदले में उन्हें मिला कैंसर-टीबी और विस्थापन

बीते 66 साल में न्यूक्लियर पॉवर बनने की दिशा में भारत काफी आगे बढ़ा लेकिन बड़ा सवाल है कि जादूगोड़ा और उसके लोगों को क्या मिला...सारे सवालों के जवाब आगे रिपोर्ट में है। देखते जाइये। 

लोकसभा विशेष : बिरसा के गांव में आज भी डाढ़ी-कुआं का पानी पीते हैं लोग, पोते सुखराम बोले- नेताओं के दौरे में ढंक दिए जाते हैं मिट्टी के मकान

हम उलिहातू गांव पहुंचे तो मुहाने पर ही वह घर दिखा जहां धरती आबा ने जन्म लिया था। कभी मिट्टी के रहे उस मकान को पक्का कर दिया गया है। सामने ही भगवान बिरसा मुंडा का स्मारक बना है। उनके नाम पर एक लाइब्रेरी भी बनाई गई है।

झारखंड में मुस्लिम सांसद : चुनावी बिसात में कहां और क्यों पीछे रह गया है ये चेहरा

झारखंड में मुस्लिम आबादी 15 फीसद है। फिर भी मुस्लिम नेताओं का लोकसभा या विधानसभा में वैसा प्रतिनिधित्व कभी नहीं रहा जो आबादी के ऐतबार से अपेक्षित है।

आंबेडकर की जयंती आज, युवा के लिए प्रेरणा हैं बाबा साहेब के अनमोल विचार

संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की जयंती 14 अप्रैल को मनाई जाती है। उन्हें संविधान निर्माता इसलिए कहा जाता है, क्योंकि भारतीय संविधान के निर्माण में उनका अमूल्य योगदान रहा।

लोकसभा विशेष : कभी गन्ना और गुड़ उत्पादन के लिए मशहूर था झारखंड का ये गांव, अब पलायन को मजबूर हैं किसान; जानें क्यों

ये नजारा चतरा जिले के डूब पंचायतके उकसू गांव का है। कभी, गन्ना उत्पादन के लिए विख्यात रहे इस गांव में उस गौरव का अवशेष भर ही बचा है।

लोकसभा विशेष : कभी नक्सलवाद के भय से गांव छोड़ गये थे मांझीपारा के ग्रामीण, लौटे तो उम्मीद नहीं 'दर्द' मिला

लाल आतंक ने मांझीपारा गांव से क्या छीना, ये टूटे फूटे खंडहरनुमा मकान, कच्ची पगडंडियां और सूखे पड़े खेत बखूबी बता रहे हैं। मांझीपारा ने पिछले करीब 30 दशक में जो सबसे ज्यादा दंश झेला वो पलायन का था। 

लोकसभा विशेष : पहाड़ काटकर गांव वालों के लिए 15 KM लंबी सड़क बनाने वाले झारखंड के 'माउंटेन मैन' के पास पक्का मकान नहीं है

जिस आदमी ने पिछले 3 साल में दिन और रात का फर्क भूलकर, पहाड़ काटा और रास्ता बनाया ताकि सरकार और प्रशासन के वादों और घोषणाओं में कैद विकास, उनके गांव तक पहुंच सके, वही माउंटेन मैन बुनियादी सुविधाओं से महरूम है।

लोकसभा विशेष : शहीद नीलांबर-पीतांबर के वंशज बदहाली में जी रहे हैं, भूल गई सरकार! 

सरकार से मिला एक अदद अंबेडकर आवास, हर महीने पेट भरने को सरकारी राशन और अपने पूर्वजों द्वारा किए संघर्ष की धूमिल होती यादें, यही रामनंदन की कुल जमापूंजी है।

झारखंड के इस गांव में लोगों को पानी पीने से डर लगता है, हो जाती है ये जानलेवा बीमारी

प्रतापपुर गांव में 600 की आबादी वाले मौनाहा टोला में पानी में निर्धारित मानक से 5 गुना ज्यादा फ्लोराइड है। इस गांव का तकरीबन हर आदमी फ्लोरोसिस से पीड़ित है।

झारखंड के माउंटेन मैन : गांव वालों ने 3 साल तक पहाड़ काटकर बनाया रास्ता, 75 साल में नहीं बनी सड़क

सरकारी दस्तावेजों में विकास पर क्या लिखा है? उस पर मत जाइये। राजनीतिक दलों के घोषणापत्र में वादा क्या था, जाने दीजिए। नेताजी जी ने मंच से क्या कहा था, भूल जाइये। विकास कहां है, जवाब ढूंढ़ने की जरूरत नहीं। पलामू के रामगढ़ प्रखंड के इन ग्रामीणों का पहाड़ तो

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