द फॉलोअप डेस्क
बिहार में सरकारी विद्यालयों में कार्यरत 97 हजार शिक्षकों का प्रशिक्षण प्रमाणपत्र ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया है। पोर्टल के आंकड़ों के मुताबिक, ये शिक्षक इस वित्तीय वर्ष (2024-25) में एक बार भी सेवाकालीन प्रशिक्षण प्राप्त नहीं कर पाए हैं। इन शिक्षकों को अभी तक किसी संस्थान से टैग नहीं किया गया है, जो कि साल में कम से कम एक बार प्रशिक्षण प्राप्त करने की अनिवार्यता को पूरा करता है। जानकारी हो कि राज्यभर में कुल 5.5 लाख से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं।DEO और शिक्षकों के खिलाफ होगी कार्रवाई
मिली जानकारी के अनुसार, अगर मार्च तक इन शिक्षकों का प्रमाणपत्र पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया, तो संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) और शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा इन शिक्षकों को वेतन वृद्धि के लाभ से भी वंचित किया जा सकता है। DEO को निर्देश दिए गए हैं कि वे शिक्षकों को ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर प्रोफाइल अपडेट कराएं। ताकि ऐसे शिक्षक जिन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया है, उनके नाम को सूची से हटा दिया जाए। बाकी शिक्षकों को जल्दी से जल्दी प्रशिक्षण संस्थान से टैग कराकर प्रशिक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।इतने शिक्षकों का प्रमाणपत्र पोर्टल पर अपलोड नहीं हुआ
बताया जा रहा है कि पटना जिले में 1819 ऐसे शिक्षक हैं, जिनका प्रमाणपत्र पोर्टल पर अपलोड नहीं हुआ है। इनमें पटना के विभिन्न प्रखंडों जैसे संपतचक, पुनपुन, फुलवारी शरीफ, मोकामा, मसौढ़ी, मनेर, बाढ़ और अन्य जगहों के शिक्षक शामिल हैं। ऐसे में विभाग ने सभी जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों को इस संदर्भ में एक सूची भेजी है। साथ ही DEO को निर्देश दिया है कि वे इस सूची को अपने जिले के संस्थानों में भेजकर शीघ्र कार्रवाई करें। राज्य में सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों के लिए 5 दिवसीय सेवाकालीन प्रशिक्षण चल रहा है। इसका उद्देश्य शिक्षकों के पढ़ाने के कौशल को बेहतर बनाना है। ताकि वे अपने विषयों को छात्रों को और अधिक प्रभावी ढंग से समझा सकें।