द फॉलोअप डेस्क
बिहार सरकार ने अब मुखिया और वार्ड पार्षदों को एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप दी है। पुलिस मुख्यालय ने इन सभी पंचायत प्रतिनिधियों और चौकीदारों को यह निर्देश जारी किया है कि वे जहरीली शराब के अड्डों को चिन्हित कर, पुलिस को इसकी सूचना दें। यह कदम खास तौर पर राज्य में जहरीली शराब से हो रही मौतों को लेकर उठाया गया है। ताकि इस अवैध कारोबार पर कड़ी निगरानी रखी जा सके।
शराब के अवैध कारोबार पर कसेगा शिकंजा
मिली जानकारी के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में प्रदेश के कई जिलों जैसे छपरा, सिवान, मुजफ्फरपुर, और गोपालगंज में जहरीली शराब पीने से कई मौतों के मामले सामने आए हैं। ऐसे में राज्य सरकार शराब माफिया पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस और उत्पाद विभाग के साथ मिलकर काम करने की योजना बना रही है। ऐसे में अब मुखिया, वार्ड पार्षद और चौकीदार भी इस अभियान का हिस्सा बनेंगे और शराब के अवैध कारोबार को रोकने में पुलिस को सहयोग करेंगे।अवैध व्यापार पर नियंत्रण पाने की कोशिश
बताया जा रहा है कि पुलिस मुख्यालय ने आदेश दिया है कि उन शराब कारोबारियों की निगरानी की जाए, जो जमानत पर बाहर आकर फिर से अपने धंधे में लगे हुए हैं। साथ ही सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इन कारोबारियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखें।
इसे लेकर मुजफ्फरपुर के सहायक आयुक्त उत्पाद विजय शेखर दुबे ने बताया कि शराब माफिया और स्प्रिट कारोबारियों की पहचान कर उन पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ ही उन्होंने जनता से अपील की है कि अगर उन्हें शराब से जुड़ी कोई गतिविधि दिखाई दे, तो तुरंत पुलिस या उत्पाद विभाग को सूचित करें। ताकि इस अवैध व्यापार पर पूरी तरह से नियंत्रण पाया जा सके।