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बांका : 8 महीने से चल रहे फर्जी थाने का भंडाफोड़, DSP से लेकर मुंशी तक सभी करते थे काम

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बांका:
बिहार (Bihar) के बांका जिला में एक फर्जी थाना का भंडाफोड़ हुआ है। यह थाना पिछले 8 महीने से एक गेस्ट हाउस में चल रहा था। इसमें DSP से लेकर मुंशी और कॉन्स्टेबल तक सभी काम कर रहे थे। सभी वर्दी में होते और कार्रवाई भी करते थे। यहां नकली पुलिस 500 रुपये प्रतिदिन पर काम करते थे। मामला तक खुला कि जब बांका नगर थानाध्यक्ष शंभू यादव गश्ती कर रहे थे। उन्होंने एक युवक को वर्दी में देखा। उन्हें युवक पर शक हुआ और फिर जांच में पूरा मामला खुला। पकड़ी गई नकली महिला दरोगा का दावा झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कहने पर उसकी बहाली हुई। नकली महिला दरोगा के पास से एक देशी कट्टा भी बरामद हुआ है। सभी 5 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उनसे पूछताछ जारी है।


शहर के अनुराग होटल में चलाया जा रहा था फर्जी थाना
मामला बांका शहर का है। जहां शहर के बीचोंबीच स्थित अनुराग होटल में फर्जी थाना चलाया जा रहा था। मामले का खुलासा बुधवार को हुआ। बांका नगर थानाध्यक्ष शंभू यादव पेट्रोलिंग कर रहे थे। उस दौरान उन्होंने एक युवक को वर्दी में देखा। युवक DSP का बैच लगाए हुआ था। उसके हरकत से उन्हें उसपर शक होने लगा।  उन्होंने युवक को रोका उससे पूछताछ शुरू की। पूछताछ के दौरान ही फर्जी थाना का भंडाफोड़ हुआ।

नीतीश कुमार और हेमंत सोरेन से होती थी बात
इस मामले में थानाध्यक्ष शंभू यादव ने बताया कि पांच लोग गिरफ्तार हुए हैं। जिनमें तीन पुरूष और दो महिला शामिल है। इसके साछ ही उन्होंने बताया कि महिला दरोगा का कहना है कि 55 हजार लेकर उसकी नियुक्ति कराई गई थी। साथ ही उसने यह भी कहा कि उसकी बात नीतीश कुमार और हेमंत सोरेन से भी होती थी, इसलिए उसे इस ठगी के बारे में पता नहीं चला। बता दें कि इनमें DSP वर्दी पहने आकाश कुमार भागलपुर जिला के सुल्तानगंज थाना के खानपुर गांव का है। वहीं एक अन्य शख्स रमेश कुमार मांझी फुल्लीडुमर थाना क्षेत्र के लौंडिया गांव का है। वहीं कार्यालय में मुंशी का कार्य सुल्तानगंज खानपुर गांव की ही जूली कुमारी कर रही थी। एक चपरासी की भी नियुक्ति की गई थी, जो फुल्लीडुमर थाना क्षेत्र के पथाय गांव का वकील मांझी है।

5 लोगों की गिरफ्तारी
शंभू यादव ने आगे बताया कि इन 5 लोगों की गिरफ्तारी कर ली गई है। इनसे पूछताछ जारी है। इसमें किसी बड़े षड्यंत्र की बात आ रही है। पूछताछ के बाद विशेष जानकारी मिलेगी। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि प्रारंभिक तौर पर यही बात सामने आई है कि यह लोग सरकारी योजनाओं की जांच के नाम पर वर्दी का धौंस दिखाकर लोगों से वसूली करते थे। इस फर्जीवाड़े में और लोग भी शामिल हैं, उन्हें भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।