द फॉलोअप डेस्क
केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को पटना के गांधी मैदान में एक दलित समागम रैली का आयोजन किया। इस रैली में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी और NDA के कई बड़े नेता भी शामिल हुए। इस मौके पर जीतनराम मांझी और उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।
30 प्रतिशत है महादलितों की संख्या
बताया जा रहा है कि रैली को संबोधित करते हुए जीतन राम मांझी ने महादलितों के एकजुट होने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "अगर महादलित एकजुट हो गए, तो कोई भी सरकार बनाने से हमें नहीं रोक सकता।" मांझी ने यह भी कहा कि SC-ST समुदाय की आबादी 30 प्रतिशत है। लेकिन फिर भी सत्ता किसके हाथ में है, यह बड़ा सवाल है। उन्होंने बाबा साहेब आंबेडकर के विचारों को याद करते हुए कहा कि अगर दलितों को एकजुट किया गया, तो सत्ता पूरी तरह उनके हाथ में हो सकती है। युवाओं का किया आह्वान
इस दौरान मांझी ने युवाओं से आह्वान करते हुए कहा कि उनके कंधों पर जिम्मेदारी है कि वे बाबा साहेब की विचारधारा को लागू करें, ताकि सत्ता उनके हाथ में आए। मांझी ने दलितों के सामूहिक संघर्ष का महत्व बताया। साथ ही कहा कि 2025 के चुनाव में अगर 30 प्रतिशत की आबादी एकजुट हो जाए, तो अपने मन की सरकार बनाई जा सकती है।
कई अहम निर्णय लागू करने की आवश्यकता जताई
इसके अलावा जीतनराम मांझी ने शैक्षणिक आधार पर SC जातियों का वर्गीकरण करने की मांग की। साथ ही अपने मुख्यमंत्री पद के कार्यकाल के दौरान किए गए कुछ अहम निर्णयों को लागू करने की आवश्यकता जताई। उन्होंने विशेष रूप से सफाई कर्मचारी आयोग के गठन की मांग की, जिसका मसौदा उन्होंने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में तैयार किया था।
जानकारी हो कि बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियों को देखते हुए दलों के गतिविधियां तेज हो गई हैं। यह दलित समागम भी उसी रणनीति का हिस्सा था। हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कार्यक्रम में मात्र 18 सेकेंड का भाषण देकर रैली से बाहर चले गए।