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सरकारी स्कूल के शिक्षकों को छुट्टी के लिए करना होगा ये काम, शिक्षा विभाग ने जारी किए नये आदेश 

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द फॉलोअप डेस्क 

बिहार में शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर निरंतर नई पहलें की जा रही हैं, और इस बार शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को एक नया टास्क सौंपा है। इस पहल का उद्देश्य न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना है, बल्कि छात्रों को बेहतर तरीके से सीखने का अवसर भी प्रदान करना है। आइए जानते हैं इस नई योजना के बारे में और इसके कार्यान्वयन का तरीका।
नई पहल का उद्देश्य और कार्यविधि
बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार, सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को अब रोजाना छात्रों द्वारा किए गए होमवर्क की समीक्षा करनी होगी। क्लास टीचर न केवल छात्रों को होमवर्क देंगे, बल्कि अगले दिन उनकी लिखावट, शब्दों, और सवाल-जवाब में हुई गलतियों को ध्यान से देखेंगे और उन पर विशेष ध्यान देंगे। इसके बाद, शिक्षक छात्रों को इन गलतियों पर सुधार करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।
यदि कोई छात्र होमवर्क पूरा नहीं करता है, तो शिक्षक उससे इसका कारण पूछेंगे और यदि जरूरत पड़ी तो उसके माता-पिता से संपर्क कर समस्या का समाधान करने में मदद करेंगे। शिक्षा विभाग का लक्ष्य छात्रों को न केवल पाठ्य ज्ञान, बल्कि सामाजिक और व्यवहारिक समझ भी देना है, ताकि वे स्कूल से घर जाते समय अपनी जिम्मेदारी समझें और होमवर्क समय पर पूरा करें।
होमवर्क और शिक्षा में सुधार
यह कदम छात्रों को होमवर्क के प्रति जिम्मेदारी का अहसास कराने के उद्देश्य से उठाया गया है। इस पहल के तहत छात्रों को यह समझने का अवसर मिलेगा कि वे क्लास में जो पढ़ाई करते हैं, उसे वे किस तरीके से सही से समझ सकते हैं और उसे सुधार सकते हैं। यह उन्हें अपनी पढ़ाई में सुधार करने और अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने का मौका भी देगा।
विशेष ट्रेनिंग और स्कूलों का नया समयसारणी
इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए शिक्षकों को छह दिनों की विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है। इस प्रशिक्षण में पढ़ाने, लिखाने, संवाद कौशल, और होमवर्क की समीक्षा जैसी अहम बातों को शामिल किया गया है। इसके अलावा, स्कूलों की समयसारणी में भी बदलाव किया गया है। अब स्कूल सुबह 6:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक चलेगा। कक्षाएं सुबह 7 बजे शुरू होंगी और 12:20 बजे छुट्टी होगी। इसके बाद, हेडमास्टर द्वारा शिक्षण कार्य और होमवर्क की समीक्षा के लिए प्रतिदिन 10 मिनट का समय निर्धारित किया गया है।
शिक्षा विभाग का बयान
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने कहा कि, "सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए लगातार सुधार किए जा रहे हैं। होमवर्क, रीडिंग और संवाद के माध्यम से छात्रों की समझ बढ़ाने का प्रयास हो रहा है। साथ ही, साफ-सफाई और स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिससे स्कूलों में सकारात्मक और सुरक्षित वातावरण बन सके।" इस पहल से न केवल बच्चों के शैक्षिक स्तर में सुधार होगा, बल्कि उन्हें जिम्मेदारी का अहसास भी होगा। बिहार सरकार की यह पहल सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने में मददगार साबित हो सकती है।

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