द फॉलोअप डेस्क
बिहार में नौकरी के नाम पर ठगी कोई बड़ी बात नहीं है। ऐसे में राजद सुप्रीमो लालू यादव की मुश्किलें कम होते दिखाई नहीं दे रही है। लैंड फॉर जॉब मामले में ईडी ने दावा किया है कि इस पूरे साजिश के मुख्य किरदार लालू यादव ही है। ईडी के द्वारा एक चार्जशीट दायर की गई है। जिसमें ईडी का यह दावा है कि रेलवे में नौकरी के बदले में लालू यादव और उनके परिवार ने उपहार के नाम में जमीन के कई टुकड़े लिए थे। चार्जशीट में कहा गया है कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव ने रेलवे में नौकरी देने के बदले यह सौदा खुद तय किया था और इस पूरे साजिश को अंजाम देने में परिवार के बाकी सदस्यों ने भी अहम भूमिका निभाई थी। घोटाले से अर्जित सभी संपत्तियों को छिपाने की पूरी कोशिश की गई थी ताकि सीधे तौर पर लालू यादव और उनके परिवार के किसी भी लोग का कोई लिंक निकल कर सामने न आए।
रद्दी के भाव लिए थे जमीन
2004 में जब लालू यादव रेल मंत्री थे तो उन्होंने पटना के महुआ बाग में जमीन मालिकों को रेलवे में नौकरी देने के बदले उनकी जमीनों को उपहार के तौर पर उनसे लिया था। इनमें से ज्यादातर भूखंड लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी के आवास के नजदीक स्थित थे और इन्हें उनके परिवार द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हासिल किया गया था।
रिश्तेदारों के नाम पर की गई जमीन
ईडी के अनुसार, कुछ जमीन के हिस्से को लालू यादव के रिश्तेदारों के नाम पर भी किया गया था। लेकिन लालू यादव की बेटी मीसा भारती ने सभी रिश्तेदारों को पहचानने से इनकार कर दिया था। ईडी ने यह आरोप लगाया है कि इन सभी संपत्तियों को छुपाने में रिश्तेदारों और शेल कंपनियों का इस्तेमाल किया गया था।