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Bihar : इस छिपकली की कीमत है 1 करोड़ से भी ज्यादा, जानिए कहां होता है उपयोग.. क्यों है इतना दाम

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पूर्णियाः
बिहार के पूर्णिया जिले में एक अजीबों गरीब छिपकली मिली है। इस छिपकली की कीमत 1 करोड़ है। इसका नाम टोकाय गेयको है। पूर्णियो पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि छिपकली की अवैध तस्करी की की जा रही थी। इसे दिल्ली ले जाया जा रहा था। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार मिली थी जिसके बाद छापेमारी कर पुलिस ने एक दवा दुकान से छिपकली को बरामद किया है। 'टोकाय गेयको' की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत एक करोड़ रुपये से अधिक है। यह दवा दुकान बायसी क्षेत्र में है। 

 

दुकानदार फरार 
एसडीपीओ ने बताया कि पश्चिम बंगाल के करंडीघी से छिपकली को लाया गया था। आरोपी दवा दुकानदार फरार है। दुकानदार की गिरफ्तारी के लिए पुलिस कई जगह छापेमारी कर रही है। पकड़े गए लोगों से पूछताछ की जा रही है। एसडीपीओ ने बताया कि जल्द ही गिरोह का पर्दाफाश किया जाएगा। इस छिपकली का इस्तेमाल दवाई बनाने के लिए किया जाता है। यह एक दुर्लभ छिपकली है। यह छिपकली दक्षिण पूर्व एशिया, बिहार, इंडोनेशिया, पुर्वोतर भारत, फिलीपिंस औऱ नेपाल में पाई जाती है।

कहां उपयोग होता है
इसका उपयोग मर्दानगी बढ़ाने वाली दवाओं के निर्माण में होता है। इसके मांस नपुंसकता, डायबिटीज, एड्स और कैंसर की दवाएं बनाई जाती है। इसका उपयोग मर्दानगी बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। खासकर दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में इसकी बहुत ज्यादा मांग है। साउथ-ईस्ट एशिया में टोके गेको को अच्छी किस्मत और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि ये किडनी और फेफड़ों को मजबूत बनाती है। चीन में भी चाइनीज ट्रेडिशनल मेडिसिन में इसका उपयोग किया जाता है।