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लाठी चार्ज में पिटने वाले लोग जाति के नाम पर फिर नीतीश को वोट देंगे – प्रशांत किशोर  

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पटना

जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) ने कहा कि कल पटना में जो लोग लाठी चार्ज में पिटे, वे जाति के नाम पर फिर से नीतीश कुमार को वोट देंगे। कहा कि नीतीश कुमार की सरकार में पटना में लाठीचार्ज करवाने का नियम बन गया है। सरकार ने एक फिक्स्ड पैरामीटर बनाया है कि लोगों को डाक बंगला चौराहा, बेली रोड, हड़ताली चौराहे पर घेरो और लाठियों से पिटवाओ। मुख्यमंत्री या उनके मंत्रियों पर कोई परेशानी नहीं आनी चाहिए। किशोर ने कहा, ये कहीं न कहीं दिखाता है कि नीतीश कुमार के दिमाग में बैठ गया है कि हम काम करें या न करें, जनता में कितना भी रोष हो, कोई न कोई जुगाड़ लगाकर मुख्यमंत्री बने रहना है।


लाठी चार्ज नियम बन गया है 

प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि पटना में कल जो लाठीचार्ज हुआ है, उसमें नीतीश कुमार के बारे में मेरी अपनी धारणा थी कि चाहे जो कुछ भी गलती हो, ये पुराने राजनीतिक लोग लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में विश्वास करने वाले लोग हैं। इन्होंने जीवनभर विपक्ष की राजनीति की है। लेकिन पिछले कुछ समय से पटना में लाठीचार्ज करना नियम बन गया है। कल जो इन पर लाठीचार्ज किया गया, ये कोई नई बात नहीं है। कोई शिक्षक चला जाए उस पर भी लाठीचार्ज, बेरोजगार बच्चे जा रहे हैं उन पर भी लाठीचार्ज, सरपंच गए उन पर भी लाठीचार्ज, मुखिया गए उन पर भी लाठीचार्ज किया जा रहा है। 

वोट की ताकत बताई 

प्रशांत किशोर ने लोगों को उनके वोट की ताकत को समझाते हुए कहा कि इस सरकार की ये छवि बन गई है कि पटना में लोग जब अपनी बात को लेकर जाते हैं, चाहे वे जिस भी वर्ग के हों, उनपर लाठी चार्ज होता है। बीते एक साल में हर वर्ग के लोग पटना गए हैं। लोकतंत्र में आप किसी पर लाठीचार्ज करवाइएगा, तो आपको डर होगा कि आप चुनाव हार जाएंगे। लेकिन नीतीश कुमार और ज्यादातर बिहार के नेताओं में ये डर खत्म हो गया है। इन नेताओं को मालूम है, जो लोग लाठी खाकर आये हैं, वो आदमी कल जाति के नाम पर फिर उसी दल को वोट देंगे जिसने उनपर लाठियां बरसायीं।