logo

पटना में संविधान सुरक्षा सम्मेलन में राहुल गांधी ने बिहार की जातिगत जनगणना को बताया फर्जी, BJP-RSS पर लगाए कई आरोप

ीोपहत6.jpg

द फॉलोअप डेस्कः

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी आज पटना पहुंचे। वहां उन्होंने बापू सभागार में कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने 'संविधान रक्षा' सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पटना में कहा, 'देश की वास्तविक स्थिति को समझने के लिए जातिगत जनगणना होनी चाहिए। यह बिहार में की गई फर्जी जातिगत जनगणना जैसी नहीं होगी, जातिगत जनगणना के आधार पर नीति बनाई जानी चाहिए, कांग्रेस जातिगत जनगणना को लोकसभा और राज्यसभा में पारित करेगी। हम 50% आरक्षण की बाधा को ध्वस्त कर देंगे'। राहुल गांधी ने जातीय जनगणना को एक्सरे जैसा बताया। उन्होंने कहा कि जैसे किसी को चोट लगती है, डॉक्टर के पास जाता है, डॉक्टर कहता है एक्सरे करना है, इसके बाद वो बताता है कि हाथ टूटा हुआ है। जातीय जनगणना भी एक्सरे और एमआरआई जैसी चीज है। उससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि मोहन भागवत कहते हैं कि हिंदुस्तान को आजादी 15 अगस्त 1947 को नहीं मिली है। वे ऐसी बात कहकर संविधान को नकार रहे हैं, क्योंकि उनकी नजरों में 'आजादी और संविधान' का कोई मतलब नहीं है। इसलिए वह हिंदुस्तान की हर संस्था से अंबेडकर जी, गांधी जी, भगवान बुद्ध जी, फुले जी की सोच को मिटा रहे हैं। गंगा जी सिर्फ एक नदी नहीं है, वह हमारे जीवन का हिस्सा हैं। वैसे ही हमारी सोच संविधान को लेकर है और हम चाहते हैं कि जैसे गंगा का पानी सब जगह जाता है, वैसे ही संविधान की सोच हर व्यक्ति और हर संस्था में हो।


संविधान सिर्फ किताब नहीं है। इस किताब में हजारों साल की सोच है। इसमें हिंदुस्तान की सोच है। इस संविधान में भगवान बुद्ध, नारायण गुरु जी, बसवन्ना जी, फुले जी, गांधी जी, अंबेडकर जी की आवाज है। इतना ही नहीं, इसमें दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों के साथ हुए अन्याय का दुख-दर्द भी है। हमारे संविधान ने इस दर्द को कम करने का काम किया है। जैसे हमारा संविधान इस हॉल के कोने-कोने तक पहुंच गया। वैसे ही हम संविधान को हिंदुस्तान के कोने-कोने तक पहुंचाना चाहते हैं।


राहुल गांधी ने कहा कि देश का पावर अडानी, अंबानी और आरएसएस के हाथ में है। हर संस्था में अपने लोगों को रखा जा रहा है। हजारों जगह पर आरएसएस के लोग सत्ता के सिस्टम में अपने लोगों को डाल रहा है। इसमें पिछड़ा और दलित आपको कहीं देखने को नहीं मिलेगा। आज एमएलए, एमपी के पास कोई पावर नहीं है। वह कहते हैं उन्हें पिंजरे में बंद करके रखा गया है। हिंदुस्तान की सबसे बड़ी कंपनियों में कोई भी पिछड़ा एवं दलित वर्ग का नहीं है। आपकी आबादी 90% है लेकिन प्राइवेट सेक्टर में आपकी भागीदारी नहीं है। आप हर साल लाखों रुपया अस्पतालों को देते हैं लेकिन आपके हिस्सेदारी इसमें नहीं है। सबसे ज्यादा जीएसटी आप लोग देते हैं लेकिन बड़े ब्रांड के कपड़े वह लोग पहनते हैं। आपका पैसा कहां जाता है, प्राइवेट अस्पताल प्राइवेट यूनिवर्सिटी के पास जाता है।