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अजब-गजब : जदयू नेता ने जीते जी खुद की और पत्नी की बनवाई प्रतिमा, बताई ये वजह

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द फॉलोअप डेस्क
आमतौर पर हमने यही देखा है कि मरने के बाद किसी की याद में उनकी प्रतिमा लगाई जाती है। लेकिन बिहार के एक नेता ने जिंदा रहते हुए अपनी और अपनी पत्नी की प्रतिमा बनवाई है। यहां जदयू के पूर्व विधायक सहदेव पासवान ने अपनी और जीवनसाथी शांति देवी की प्रतिमा लगाई है। इतना ही नहीं विधिवत तरीके से प्रतिमा का अनावरण भी करवाया गया। प्रतिमा का अनावरण बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष पूर्व मंत्री महेश्वर हजारी ने किया। यह शायद देश का पहला मामला है जब किसी नेता ने जीते जी अपनी मूर्ति लगवाई है।


जयपुर से प्रतिमा मंगाकर लगाई
सहदेव पासवान से जब प्रतिमा बनवाने की बात पूछी गई तो उन्होंने बताया कि मरने के बाद किसी को याद रखने के लिए उनकी प्रतिमा लगवाई जाती है। अब जैसा सामाजिक वातावरण बन गया है, यह देखकर महसूस होता है कि अपने भी याद करेंगे या नहीं। इसको देखते हुए पांच साल पहले मन में विचार आया कि अपने साथ अपनी जीवन संगिनी शांति देवी की संयुक्त प्रतिमा को लगाया जाए। उसके बाद जयपुर से प्रतिमा मंगाकर लगाई गई। उन्होंने आगे बताया कि उन्हें संतान में बेटी है, लेकिन बेटा नहीं है। बेटी की शादी हो चुकी है। ऐसे में नाम आगे चलाने के लिए उन्होंने अपनी और पत्नी की प्रतिमा लगवाई है।


कर्पूरी ठाकुर ने राजनीति में उतारा
सहदेव पासवान ने बताया कि पूर्व विधायक ने बताया कि उनके घर पर 1973 में जननायक कर्पूरी ठाकुर आए थे। उन्होंने विधिवत संयुक्त सोसलिस्ट पार्टी का सदस्य बनाकर राजनीति में उतारा। उसी साल मुशहरी में महंगाई, गरीबी के सवाल पर मुशहरी बीडीओ का 36 घंटे तक घेराव किया और जेल गए। 1974 में वह जेपी के नेतृत्व में आंदोलन के दौरान जेल गए। इमरजेंसी के दौरान संपूर्ण भारत बंद में भी वो जेल गए थे। जननायक कूर्परी ठाकुर कहते थे कि जो जेपी आंदोलन में जेल गया, उसको टिकट मिलेगा। 1990 विधानसभा चुनाव में पिपरा सुरक्षित सीट से जनता दल की टिकट पर चुनाव जीते।

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