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पड़ताल : क्या मुस्लिम देशों के दवाब में BJP ने नुपूर शर्मा को निलंबित कर दिया, जानिए पूरा मामला! 

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डेस्क: 

भारतीय जनता पार्टी ने अपनी राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपूर शर्मा को ये कहते हुए 6 साल के लिए निलंबित कर दिया कि हम किसी भी ऐसे बयान का समर्थन या प्रोत्साहन नहीं करते, जो किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाती हो। पार्टी ने कहा कि नुपूर शर्मा ने जो भी कहा, वो उनकी व्यक्तिगत राय है।

इससे पार्टी या केंद्र सरकार इत्तेफाक नहीं रखती। नुपूर शर्मा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए बीजेपी ने कहा कि भारत के हजारों वर्षों के इतिहास में कई धर्म पुष्पित-पल्लवित हुए हैं। बीजेपी सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान करती है। चलिए, ये तो हो गई बीजेपी की बात। 

भारतीय दूतावास ने नुपूर शर्मा को बताया अराजक तत्व
मुस्लिम बहुल आबादी वाले कतर में मौजूद भारतीय दूतावास ने तो यही मानने से मना कर दिया कि नुपूर शर्मा सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में कोई ओहदा भी रखती हैं। कतर में मौजूद भारतीय राजदूत दीपक मित्तल की तरफ से जारी स्टेटमेंट में नुपूर शर्मा को अराजक अथवा शरारती तत्व कहा गया है। अब नुपूर शर्मा, उनका परिवार और बीजेपी के समर्थक समझ नहीं पाएंगे कि वे किस बात से ज्यादा दुखी हों। इस बात से कि बीजेपी ने एन वक्त पर किनारा करते हुए उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया या इस बात से कि उनको भारत में मौजूद कोई अराजक तत्व बता दिया, जिसका बयान मायने नहीं रखता। 

आखिरकार राष्ट्रीय प्रवक्ता को बीजेपी ने क्यों निलंबित किया
आप में से कई लोगों के मन में ये सवाल होगा कि आखिर नुपूर शर्मा को निलंबित क्यों किया गया। कल तक जो नुपूर शर्मा, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की प्रमुख आवाजों में से एक थी। सुबह से शाम तक जिस नुपूर शर्मा ने सार्वजनिक मंचों पर पार्टी और सरकार का पक्ष रखा हो। बचाव किया हो। आखिरकार वो अराजक तत्व कैसे हो गईं। आखिर नुपूर शर्मा ने क्या गुनाह कर दिया। आप ये भी सोचेंगे कि जिस पार्टी के कई नेता ये कहते नहीं थकते हों कि हिंदू बहुल इस देश को हिंदू राष्ट्र बनाएंगे, नुपूर शर्मा मामले में एकदम से सेक्यूलर कैसे हो गई। आखिरकार ये भी बताएंगे कि आज पहचानने से भी इंकार कर दी गईं नुपूर शर्मा आखिरकार भारतीय जनता पार्टी में क्या हैसियत रखती थीं। सिलसिलेवार ढंग से।

बीजेपी ने नुपूर शर्मा को निलंबित करते हुए क्या बयान दिया
दरअसल, 5 जून को भारतीय जनता पार्टी की तरफ से एक स्टेटमेंट जारी किया गया। इसमें नुपूर शर्मा को 6 साल तक निलंबित करने की जानकारी दी गई। इस बीच बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने बयान दिया। कहा कि नुपूर शर्मा का बयान उनकी व्यक्तिगत राय है। इससे पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है। हम सभी धर्मों और उनकी संस्कृति का सम्मान करते हैं। हम ऐसी किसी भी टिप्पणी का समर्थन या प्रोत्साहन नहीं करते जो किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाती हो। हम आगे बढ़ें। इससे पहले ये जानना जरूरी है कि आखिरकार नुपूर शर्मा ने क्या कहा था। क्योंकि, उसी से ये सारा बवाल खड़ा हुआ है। 

टीवी डिबेट के दौरान नुपूर शर्मा ने की थी आपत्तिजनक टिप्पणी
इस समय वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का मामला सुर्खियों में है। हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिद, दरअसल एक मंदिर है। वहां शिवलिंग है। वहीं मुस्लिम पक्ष इस दावे को नकार रहा है। इसी को लेकर एक टीवी डिबेट में बतौर बीजेपी प्रवक्ता शामिल हुईं नुपूर शर्मा ने कथित तौर पर पैगंबर मुहम्मद और कुरान को लेकर कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। मुस्लिम समुदाय ने इस पर आपत्ति जताई। कानपुर में हिंसा भड़की और धीरे-धीरे मामला सुर्खियां बटोरने लगा। इस बीच खबर आई कि नुपूर शर्मा को निलंबित कर दिया गया। पूरे 6 साल के लिए। बीजेपी की प्रकृति को जानने वाले हैरान थे कि ऐसा कैसे हो गया। बीजेपी इतनी समझदार कब से हो गई कि ऐसे बयान के लिए अपने प्रवक्ता को निलंबित कर दे।

 

मुस्लिम देशों ने नुपूर शर्मा के बयान पर आपत्ति दर्ज करवाई
दरअसल, नुपूर शर्मा के खिलाफ बीजेपी की ये कार्रवाई तब हुई जबकि रविवार को सबसे पहले कतर ने इस पर आपत्ति जताई। कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजिद अल अंसारी ने भारतीय राजदूत दीपक मित्तल को तलब किया और नुपूर शर्मा के बयान पर कड़ी नाराजगी जताई। कतर ने भारत से नुपूर शर्मा के खिलाफ सख्त एक्शन लेने को कहा। य़ही नहीं। भारत के सामने मांग रखी कि वो इस बयान के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगे। कतर की तरफ से कहा गया कि ऐसे देश में जहां की सभ्यता के निर्माण में मुस्लिम आबादी का अहम योगदान है, उसके धर्म पर ऐसी टिप्पणी निंदनीय है। 

धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली बयानबाजियां सही नहीं
कतर की तरफ से आपत्ति दर्ज कराए जाने के बाद भारतीय दूतावास की तरफ से एक स्टेटमेंट जारी किया गया। इसमें भारतीय राजदूत दीपक मित्तल की तरफ से कहा गया कि भारत में पैंगबर मोहम्मद के बारे में की गई टिप्पणी किसी भी रूप में भारतीय सरकार के विचार को नहीं दर्शाती बल्कि ये व्यक्तिगत तौर पर किसी शरारती अथवा अराजक तत्व का कृत्य है। हमारी मजबूत सांस्कृति विरासत रही है जिसमें विविधता को प्रमुखता दी गई। भारत सरकार देश में मौजूद सभी धर्मों का आदर और सम्मान करती है। जिसने भी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली टिप्पणी की है उनके खिलाफ सख्त एख्शन लिया गया है। 

मुस्लिम देशों के संगठन ने भी आपत्ति दर्ज करवाई है
नुपूर शर्मा की टिप्पणी पर ना केवल कतर बल्कि इसके बाद कुवैत, सऊदी अरब, अफगानिस्तान, ईरान, पाकिस्तान, बहरीन और मालदीव ने भी आपत्ति दर्ज कराई है। यही नहीं, मुस्लिम देशों के संगठन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन ने भी आपत्ति दर्ज कराते हुए भारत सरकार से सार्वजनिक माफी की मांग की है। यही नहीं, अरब देशों में भारतीय प्रोडक्ट को बायकॉट करने की मांग भी चल रही है। तो कुल मिलाकर बात ये है कि बीजेपी को नुपूर शर्मा के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ी क्योंकि उनके बयान की वजह से मिडिल ईस्ट के साथ अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर बन आई थी। मिडिल ईस्ट के देशों से हमें तेल मिलता है। 

अरब देशों में भारतीय उत्पादों का बहिष्कार किया जा रहा है
भारतीय मसालों, कपड़ों, अनाज और कालीन का बहुत बड़ा बाजार मिडिल ईस्ट है। ये दुनिया नहीं आशां इतना समझ लीजिए। अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की विवशता है। आप जो नारों में, रैलियों में उग्र हुए चलते हैं। हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग करने लगते हैं। जिस पार्टी के दम पर आप ये दंभ भरते हैं, दरअसल, उसी पार्टी को अंतर्राष्ट्रीय संबंधो की विवशता ने अपनी राष्ट्रीय प्रवक्ता को निलंबित करने पर मजबूर कर दिया। ये भी जान लीजिए की अरब देशों में भारतीय उत्पादों का बहिष्कार हो रहा है। दुकानों और सुपरमार्केट से भारतीय उत्पादों को हटाया जा रहा है। जाहिर, सरकार ये नुकसान नहीं चाहती। 

भारतीय जनता पार्टी का प्रमुख चेहरा रहीं है नुपूर शर्मा
आखिर में ये भी जान लीजिए कि जिस नुपूर शर्मा को कतर में मौजूद भारतीय दूतावास ने अराजक तत्व बताया है, वो बीजेपी में क्या हैसियत रखती थीं। नुपूर शर्मा भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता रही हैं। बीजेपी के यूथ विंग, भारतीय जनता युवा मोर्चा का प्रमुख चेहरा रही हैं। उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से एलएलएम किया है। 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ चुकी हैं।

आज नुपूर शर्मा की पार्टी में पूछ नहीं है और ना ही जरूरत क्योंकि सरकार मिडिल ईस्ट के साथ संबंध नहीं बिगाड़ना चाहती क्योंकि मामला आर्थिक है। नुपूर शर्मा अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांग चुकी हैं। कह रही हैं कि उनके परिवार को खतरा है। मीडिया से अपील कर रही हैं कि उनका पता सार्वजनिक ना किया जाये। नुपूर शर्मा ने ये भी कहा कि टीबी डिबेट में बार-बार अराध्य शिव का अपमान किया जा रहा था इसलिए रोष में आकर उन्होंने ऐसा बयान दिया। उनका इरादा किसी को ठेस पहुंचाने का नहीं था।

 हालांकि, इस बीच बीजेपी समर्थकों द्वारा लगातार नुपूर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया कैंपेन चलाया जा रहा है। बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व की आलोचना हो रही है, लेकिन शायद वे नहीं समझ पा रहे होंगे कि देश भावनाओं से नहीं बल्कि नियम-कायदों से चलता है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कूटनीतिक और आर्थिक दवाब होता है। दरअसल, अरब देशों में भारतीय उत्पादों का बहिष्कार होने लगा है।