द फॉलोअप डेस्क
सरकारी स्कूल के हेडमास्टर ने सभी सैलून मालिकों से अपील की है। उन्होंने कहा है कि बच्चों के बाल हीरो जैसा न काटें। इससे उनके पढ़ाई पर भी असर पड़ता है। नतीजा ये होता है कि इससे उनके रिजल्ट पर असर पड़ता है। यदि कोई छात्र वैसे बाल कटवाने की जिद करता है तो उसकी सूचना उसके अभिवावकों को या फिर स्कूल में दें। हैरानी की बात यह है कि एक सैलून के मालिक चन्नप्पा सिद्धारमप्पा ने नाइक की इस सलाह को मान लिया और बच्चों के बाल काटना बंद कर दिया।
क्यों लिया गया फैसला
मामला कर्नाटक के बागलकोट जिले के जमाखंडी के कुलहल्ली है। स्कूल के हेडमास्टर ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत के दौरान कहा कि बच्चे आजकल हेबुली फिल्म जैसा बात कटवा कर आ रहे है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों से लड़कियों का पासिंग परसेंटेज काफी बेहतर रहा है। वहीं लड़कों के पासिंग परसेंटेज में भारी कमी आई है। जब इस मामले पर हमने जांच की तो पता चला कि कई बच्चों फिल्मों और सीरियल्स से काफी प्रभावित है। उनमें अनुशासनहीनता आ रही है। जिसके बाद यह फैसला लिया है। ताकि उन्हें वापस से पटरी पर लाया जा सके। उनका फोकस पढ़ाई पर लाया जा सके। इस बारे में स्कूल डेवलेपमेंट एंड मॉनिटरिंग कमेटी, पैरेंट्स और शिक्षाविदों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने के बाद सैलून मालिक को लेटर लिखा था।
क्या है लेटर में
नाइक ने सैलून के मालिक को लिखे अपने लेटर में बताया, हमारे स्कूल के कई छात्र हेबुली फिल्म जैसे बाल कटवा रहे हैं। फैशन के चलते उनका पढ़ाई में मन नहीं लग रहा। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप हमारे छात्रों के अनुशासित तरीके से बाल काटें। यदि कोई छात्र फिल्मी स्टाईल में बाल कटवाने की मांग करता है, तो कृपया ऐसे छात्रों की सूचना उनके माता-पिता या स्कूल को दें।
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