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गैंग्स ऑफ वासेपुर। धनबाद के वासेपुर नाम की जगह में गैंगवार पर आधारित बॉलीवुड की ये फिल्म आप नहीं भूले होंगे। गैंग्स ऑफ वासेपुर का जिक्र किए बिना भारतीय सिनेमा पर चर्चा करना अधूरा है। खून-खराबे, डायलॉगबाजी और बेशुमार फायरिंग सीन से लबरेज ये फिल्म दोबारा सुर्खियों में है और वजह है रांची हिंसा। जी हां। रांची हिंसा मामले में गैंग्स ऑफ वासेपुर शब्द सामने आ रहा है, लेकिन आपके मन में सवाल जरूर पैदा होगा कि रांची हिंसा का गैंग्स ऑफ वासेपुर कनेक्शन क्या है। आखिरकार रांची में भड़की हिंसा का गैंग्स ऑफ वासेपुर से क्या लेना-देना। आखिर, ये नाम क्यों सुर्खियों में है।
शुक्रवार को रांची में भड़की थी हिंसा
दरअसल,. शुक्रवार को बीजेपी की निलंबित राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपूर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद के बारे में की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में रांची में आयोजित प्रदर्शन अचानक हिंसक हो गया। खूब पत्थरबाजियां हुईं। आगजनी की गई। जमकर तोड़-फोड़ हुआ।
फायरिंग हुई। कुछ लोग मारे गये जबकि दर्जन भर लोग घायल भी हुए। भीड़ में शामिल आम लोगों से लेकर पुलिस के जवान और वरीय अधिकारियों तक को गंभीर चोटें आईं। घटना को पांच दिन बीत चुके हैं और पुलिस जांच में जुटी है। इसी जांच के दौरान कई बातें सामने आईं। जैसे कि घटना के पीछे पॉपलुर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआआई का हाथ है। हिंसा और उपद्रव सुनियोजित था।
इसी जांच में पता चला है कि हिंसा के लिए लोगों को एक व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए उकसाया गया था। दरअसल, इसी व्हाट्सएप ग्रुप का नाम है वासेपुर गैंग्स।
वासेपुर गैंग्स नाम का व्हाट्सएप ग्रुप
रिपोर्ट्स के मुताबिक रांची पुलिस की जांच में पता चला है कि हिंसा के लिए भीड़ जुटाने के लिए वासेपुर गैंग्स नाम का व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया था। इसी व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए 10 जून को जुम्मे की नमाज के बाद लोगों को जुटने को कहा गया था।
इसी व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए बीजेपी की निलंबित राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपूर शर्मा के पोस्टर सर्कुलेट किए गये थे। कहा जा रहा है कि रांची के मेन रोड में भड़की हिंसा के लिए सारी प्लानिंग वासेपुर गैंग्स नाम के इसी व्हाट्सएप ग्रुप पर की गई थी। पुलिस को अब इस ग्रुप के एडमिन की तलाश है।
कहा जा रहा है कि उसकी गिरफ्तारी से बहुत सारे राज से पर्दा उठ सकेगा।
राज्यपाल ने वरीय अधिकारियों को किया तलब
इधर, राज्यपाल रमेश बैस ने राज्य के डीजीपी नीरज सिन्हा एडीजी अभियान संजय आनंद लाटकर, डीसी छवि रंजन औऱ रांची के एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा को तलब किया। राज्यपाल ने उनके सामने कई बिंदुओं पर सवाल पूछे। पूछा कि पानी की बौछार, रबर बुलेट औऱ आंसू गैस का इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया।
सूचना है कि राज्यपाल ने डीजीपी से ये भी जानना चाहा कि शुक्रवार की घटना को लेकर पुलिस प्रशासन के पास क्या खुफिया जानकारी थी। डीजीपी ने राज्यपाल को बताया कि इंटेलिजेंस ब्यूरो ने जानकारी दी थी कि प्रदर्शन में तकरीबन 150 लोग जुटेंगे। हालांकि, भीड़ में शामिल लोगों की संख्या इससे कहीं ज्यादा थी।
रांची हिंसा पर पुलिस की जांच जारी
रांची में भड़की हिंसा को लेकर पुलिस की कार्रवाई जारी है। पुलिस ने अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। 3 दर्जन से ज्यादा लोगों से पूछताछ हो रही है। सोमवार को पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। फायरिंग में घायल उन 6 लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है जो रिम्स में इलाज करा रहे हैं। पुलिस, घटना की तह तक पहुंचने की कोशिश में जुटी है। हो सकता है कि आगे और भी गिरफ्तारियां हों।
फिलहाल शहर में हालात नियंत्रण में हैं लेकिन तनाव व्याप्त है। सुरक्षाबल संवेदनशील इलाकों में तैनात हैं। संवेदनशील इलाकों में धारा-144 लगाई गई है लेकिन दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक थोड़ी ढील दी जाती है।