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सरयू राय की मांग पर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव ने दी मंजूरी

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द फॉलोअप डेस्क 


जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने मंगलवार को मानगो पेयजल परियोजना के पिछले 10 वर्षों के कार्यकलापों की जांच की मांग पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव से की, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है।

श्री राय ने एक बयान में कहा कि मंगलवार को उन्होंने पेयजल विभाग के अधिकारियों और परियोजना का संचालन कर रही एजेंसी के साथ इंटकवेल और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया। निरीक्षण में गंभीर लापरवाही सामने आई। इंटकवेल के किनारे काई जमी थी, जलकुंभी और अन्य जल पौधे उग आए थे। छह पंपों में से दो पूरी तरह बंद थे और एक अधूरा कार्य कर रहा था। प्लांट तक जितना पानी जाना चाहिए, उतना नहीं पहुंच रहा है। पानी के प्रवाह का कोई रिकॉर्ड नहीं है।

राय ने तत्काल सफाई का आदेश दिया और कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया कि इंटकवेल की स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो परियोजना का उद्देश्य विफल हो जाएगा।

उन्होंने बताया कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की स्वचालित व्यवस्थाएं बंद हैं और सिर्फ मैन्युअल तरीके से काम हो रहा है। क्लोरीन और फिटकरी की मात्रा तय करने का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। प्रयोगशाला कर्मी ने बताया कि वह अपने वरिष्ठ के निर्देश पर काम करता है और आदित्यपुर की लैब ही जांच करती है।

राय ने कहा कि जल वितरण व्यवस्था पक्षपातपूर्ण है। जोन संख्या 6 में पर्याप्त जल आपूर्ति है, जबकि जोन 1 से 5 तक पानी की कमी है। जोन 3 की टंकी मात्र 25–30 मिनट में खाली हो जाती है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सभी इलाकों में पाइपलाइन बिछाई गई है, तो पानी क्यों नहीं पहुंच रहा है। उन्होंने बताया कि जोन 6 के लिए अलग राइजिंग पाइपलाइन बिछाई गई है जबकि अन्य जोनों के लिए एक ही पाइपलाइन है। यह कब और कैसे हुआ, यह जांच का विषय है।

उन्होंने अभियंताओं से कहा कि "आपके तर्क अमान्य हैं। जब तक व्यवस्था दुरुस्त नहीं होगी, तब तक मानगो के सभी हिस्सों में पानी नहीं पहुंचेगा।" अधिकारियों ने स्वीकार किया कि पिछले पांच-छह वर्षों से ऐसे ही कार्य हो रहा है।

राय ने प्रधान सचिव से फोन पर बात कर उच्च स्तरीय जांच समिति की मांग की। उन्होंने कहा कि अब तक की सभी जांचें सतही रही हैं और पूर्वी सिंहभूम उपायुक्त द्वारा गठित समिति भी असफल रही। प्रधान सचिव ने इस पर सहमति देते हुए जांच समिति गठित करने की घोषणा की।

राय ने कहा कि जब जांच होगी, तभी स्पष्ट होगा कि 125 करोड़ की इस परियोजना में गड़बड़ी कहां हुई। विभाग की लापरवाही अक्षम्य है। उन्होंने 6 महीनों के आंकड़ों का विश्लेषण पेश करने को कहा ताकि निष्पक्षता और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके। दोषियों पर कार्रवाई की मांग भी की।

इस निरीक्षण दौरे में पिंटू सिंह, संतोष भगत, पप्पू सिंह, अमरेंद्र पासवान, आदित्य मुखर्जी, रवि गोराई, मुकेश सिंह, जीतेंद्र साहू आदि मौजूद रहे।

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