द फॉलोअप डेस्क
बलूचिस्तान में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन हाईजैक मामले को लेकर पाकिस्तान सेना और बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के दावे आपस में मेल नहीं खा रहे हैं। पाकिस्तानी सेना का कहना है कि रेस्क्यू ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया और 33 विद्रोहियों को मार गिराया गया। वहीं, BLA ने इसके विपरीत एक बड़ा दावा किया है। BLA के मुताबिक, ट्रेन में कुल 426 यात्री सवार थे, जिनमें 214 सैन्यकर्मी शामिल थे। संगठन का दावा है कि पहले घंटे में ही 212 यात्रियों को रिहा कर दिया गया, लेकिन 40 पाकिस्तानी सैनिकों और 60 अन्य बंधकों की हत्या कर दी गई। उनका कहना है कि अभी भी 150 से अधिक नागरिक उनके कब्जे में हैं।
क्वेटा रेलवे स्टेशन पर 200 ताबूत
इस बीच, मानवाधिकार कार्यकर्ता अमजद अयूब मिर्ज़ा ने एक सनसनीखेज खुलासा किया है। उनके अनुसार, क्वेटा रेलवे स्टेशन पर 200 से अधिक ताबूत भेजे गए हैं, जिससे इस हमले में भारी जनहानि की संभावना जताई जा रही है। उनका मानना है कि पाकिस्तानी सेना ने विद्रोहियों से बातचीत करने से इनकार कर दिया, जिससे सैन्यकर्मियों की जान को और ज्यादा खतरा हो सकता है।
पाक सेना का जवाब: "सभी बंधकों को छुड़ा लिया गया"
पाकिस्तानी सेना ने बुधवार रात दावा किया कि सभी नागरिकों को सुरक्षित निकाल लिया गया और 33 आतंकियों को मार गिराया गया। सेना के अनुसार, इस ऑपरेशन में एयरफोर्स, फ्रंटियर कोर और स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) शामिल थे। हालाँकि, सेना ने इस कार्रवाई में 21 नागरिकों की मौत की पुष्टि की है। BLA का दावा है कि पाकिस्तान ने 16 बार बंधकों को बचाने के लिए ऑपरेशन चलाया, जिसमें 63 पाकिस्तानी जवान घायल हुए। संगठन का यह भी कहना है कि उनके सिर्फ तीन लड़ाके मारे गए हैं, जबकि पाक सेना को कहीं ज्यादा नुकसान हुआ है।