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मदद की गुहार : ​​​​​​​सरकार से नहीं मिली मदद, यूक्रेन वापस गए झारखंड के 90 छात्र फिर जंग में फंसे, देश वापस आने की लगाई गुहार  

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द फॉलोअप डेस्क 

झारखंड के 90 छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए दोबारा यूक्रेन लौट गए। लेकिन, रूस-यूक्रेन के बीच जंग जारी रहने से वे सभी छात्र फिर फंस गए हैं। बताया जा रहा ही कि बिना बिजली-पानी के उन्हें माइनस 7 डिग्री में रात गुजारनी पड़ रही है। युद्ध के दौरान सायरन बजते ही उन्हें अपनी जान बचाने के लिए बंकर में छिपना पड़ रहा है। बतादें कि ये वही छात्र हैं जिन्हें 6 माह पहले रूस- यूक्रेन युद्ध के दौरान केंद्र सरकार ने एयर लिफ्ट कराकर भारत लाया था। लेकिन, केंद्र और राज्य सरकार का सहयोग नहीं मिलने के कारण ये छात्र मेडिकल की अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए सितंबर माह में वापस यूक्रेन लौट गए। इधर, रूस ने दोबारा से यूक्रेन की राजधानी कीव, लवीव, खारकिव पर मिसाइलों से एक के बाद एक हमले किए हैं। जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी। जबकि, कई लोग घायल हो गए हैं। बता दें कि रूसी मिसाइलों ने ज्यादातर पावर स्टेशनों को निशाना बनाकर ध्वसत कर दिया। जिसके वजह से पूरा यूक्रेन अंधेरा में डूब गया। वहीं कड़ाके की ठंड से लोगों का हाल बुरा है।

यूक्रेन में फंसे झारखंड के छात्र ने द फॉलोअप को बताया हाल...

केंद्र और राज्य सरकार से नहीं मिली मदद

द फॉलोअप की टेलीफोनिक बातचीत के दौरान यूक्रेन के लवीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे रांची के रातू में रहने वाले चिरंतन बाला ने बताया कि उसे राज्य और भारत सरकार से जब किसी भी तरह की मदद नहीं मिली, तो वे दोबारा अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए 11 सितंबर को वापस यूक्रेन आ गए। हालांकि, उस वक्त हलात कुछ ठिक थी। लेकिन, रूस ने दोबार से यूक्रेन की राजधानी कीव, लवीव और खारकीव में हमला कर दिया।

माइनस 7 डिग्री टेंपरेचर, बंकर में रहने को मजबूर

चिरंतन बताया कि हमारी ऑफ लाईन क्लासेस चल रही है। लेकिन, सायरन बजते ही हमें अपनी जान बचाने के लिए बंकर में छिपना पड़ता है। वहीं रूसी मिसाइलों ने पावर स्टोशनों को निशाना बनाकर ध्वस्त कर दिया। जिसके कारण पूरा युक्रेन अंधेरे में डूबा हुआ है। साथ ही उन्होंने बताया कि यहां बिजली-पानी के बिना हमे रहना पड़ा रहा। साथ ही टेंपरेचर माइनस 7 डिग्री के कारण कड़ाके की सर्दी का सितम जारी है।

भारत और राज्य सरकार से मदद की गुहार

चिरंतन ने बताया कि उनके कॉलेज में झारखंड से 4 छात्र यहां पढ़ाई कर रहे हैं। जबकि, यूक्रेन के विभिन्न कॉलेजों में झारखंड के लगभग 90 छात्र पढ़ाई कर रहें है। वहीं उन्होंने भारत और राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाई कि हमारी पढ़ाई पूरी करने के लिए भारत सरकार कोई विकल्प निकाले।