द फॉलोअप डेस्क
अमेरिका में इतिहास बनने में अब ज्यादा वक्त नहीं है। डोनाल्ड ट्रंप की ताजपोशी पर सारी दुनिया की निगाहें हैं, और इस बार कुछ ऐसा हो रहा है, जो दशकों में नहीं हुआ। इस बार अमेरिकी राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण इनडोर यानी संसद के अंदर हो रहा है। इसकी वजह किसी दुश्मन के हमले का डर नहीं, बल्कि यहां पड़ रही जबरदस्त ठंड और बर्फबारी है। इसके बावजूद, ट्रंप के समर्थक वॉशिंगटन डीसी पहुंच गए हैं और आतिशबाजी कर रहे हैं। इस कड़ाके की ठंड में भी उनके लिए माहौल बना रहे हैं। अमेरिका के मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ट्रंप को शपथ दिलाएंगे। भारतीय समयानुसार सोमवार रात 10.30 बजे शपथ ग्रहण समारोह होगा, जिसमें पहली बार विदेशी मेहमान भी शामिल होंगे।
डोनाल्ड ट्रंप वॉशिंगटन पहुंच चुके हैं, और वह फ्लोरिडा से स्पेशल विमान से अपने परिवार के साथ वॉशिंगटन आए हैं। इस फ्लाइट को स्पेशल एयर मिशन-47 नाम दिया गया था। मिशन-47 का मतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति होंगे। ट्रंप के शपथ ग्रहण को लेकर एक तरफ उनके विरोधी गुस्से में हैं, तो दूसरी तरफ उनके समर्थक निराश हैं। निराशा की वजह यह है कि शपथ ग्रहण संसद के अंदर हो रहा है, जबकि ट्रंप के समर्थक बड़ी संख्या में शपथ ग्रहण में शामिल होने के लिए पहुंचे थे।
अमेरिकी राजनीति में व्हाइट हाउस छोड़ने के 4 साल बाद वापसी करना लगभग असंभव माना जाता है, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप इस नामुमकिन लक्ष्य को मुमकिन बनाकर इतिहास रचने जा रहे हैं। ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दोबारा शपथ लेकर एक पूर्व राष्ट्रपति के रिकॉर्ड की बराबरी कर लेंगे। ग्रोवर क्लीवलैंड पहले अमेरिकी राष्ट्रपति थे, जिन्होंने व्हाइट हाउस से 4 साल बाहर रहने के बाद जोरदार वापसी की थी। 131 साल पहले 1885 से 1889 और फिर 1893 से 1897 तक ग्रोवर क्लीवलैंड ने दो बार राष्ट्रपति पद संभाला था। अब डोनाल्ड ट्रंप दूसरे ऐसे नेता हैं, जिन्होंने 4 साल के अंतराल के बाद सत्ता में वापसी की है।