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इजरायल-हमास संघर्ष के खिलाफ रांची की सड़कों पर उतरी जनता, बोली- युद्ध नहीं शांति चाहिए

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द फॉलोअप डेस्क, रांची 

इजराइल और हमास के बीच लड़ाई को एक महीना बीत चुका है। इस दरमियान हमले में दस हजार से भी अधिक निर्दोष लोग मारे जा चुके हैं। युद्ध का असर दुनिया भर के अलग-अलग हिस्सों में भी देखने को मिल रहा है। भारत देश में भी इजराइल और हमास युद्ध को लेकर विभिन्न सामाजिक संघटन एकजुट होकर आवाज उठा रहा है। कोई इजराइल तो कोई फिलिस्तीन के समर्थन में सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रहा है। ऐसा ही दृश्य रांची के में रोड इलाके में भी देखने को मिला। बुधवार की शाम विभिन्न समाजिक संघटन के लोग सड़कों पर प्रदर्शन करते नजर आये। सब अपने हाथों में तख्तियां लिए नजर आये। तख्तियों में लिखा था की फिलिस्तीन में निर्दोषों का नरसंहार करना बंद करो। 


हत्यार के कारोबार को बढ़ावा देने के लिए हो रहे हमले  

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे केवल शांति चाहते हैं। इजराइल और हमास के जंग के बीच केवल इंसानियत का नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार से युद्ध रुकनी चाहिये। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि गाजापट्टी में हमले केवल हत्यारों को टेस्ट करने के लिए किये जा रहे हैं। कहा की येसब केवल हत्यारों के कारोबार को बढ़ावा देने के लिए किया जा रह है। जिसे लेकर गाजापट्टी को निशाना बनाया जा रहा है। युद्ध जल्द से जल्द रुकनी चाहिए और फिलिस्तीनियों को आवश्यक मदद मिलनी चाहिए। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि फिलिस्तीन के निर्दोष लोगों का इजराइल नरसंहार कर रहा है। मासूम बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सभी को निशाना बनाया जा रहा है।
 

भारत सरकार अपना रही दोहरी नीति

प्रदर्शन कर रहे मजदूर संघटन से जुड़े लोगों ने कहा कि देश में केंद्र की सरकार दोहरी नीति अपना रही है। भारत हमेशा से युद्ध के खिलाफ और शांति का पक्षधर रहा है। लेकिन जब इजराइल और हमास के बीच युद्ध में विराम के लिए यूएनओ में मतदान की बारी आई तो भारत सरकार पीछे हट गई। कहा कि हमलोग चाहते हैं कि सरकार युद्ध को रोकने और शांति बहाल करने के पक्ष में आये। इतना ही नहीं उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भारत की एक लाख मजदूरों को इजराइल भेजने की तैयारी हो रही है। मजदूरों को षड्यंत्र के तहत इजराइल भेजकर बलि का बकरा बनाया जा रहा है। कहा कि सरकार भारत के साथ इजराइल का खुनी समझौता कर रहा है।