गिरिडीह
जिले के 108 एम्बुलेंस कर्मी एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। गिरिडीह स्टेडियम के समक्ष प्रदर्शन कर रहे कर्मियों ने विभाग और सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कर्मियों का कहना है कि पूर्व में हड़ताल के बाद विभाग ने आश्वासन दिया था कि उनकी मांगें जल्द पूरी की जाएंगी, लेकिन महीनों बीत जाने के बावजूद न तो मांगें मानी गईं और न ही किसी तरह की पहल की गई।
नाम मात्र की मजदूरी, नियुक्ति पत्र भी नहीं
कर्मियों ने बताया कि फरवरी महीने से एम्बुलेंस सेवा का संचालन कर रही आउटसोर्सिंग कंपनी 'सामन फाउंडेशन' द्वारा न तो उन्हें सरकारी मानकों के अनुसार वेतन दिया जा रहा है और न ही अब तक नियुक्ति पत्र सौंपा गया है। कुछ कर्मियों को मात्र 2500 से 3000 रुपये तक का भुगतान किया जा रहा है, जिससे उनका गुजारा करना भी मुश्किल हो गया है।
कर्मियों का आरोप है कि समय पर वेतन नहीं मिलने से उन्हें परिवार के भरण-पोषण, बच्चों की पढ़ाई और गाड़ियों की किस्त चुकाने में गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इससे नाराज होकर कर्मियों ने हड़ताल को अंतिम विकल्प बताते हुए विभाग से जल्द समाधान की मांग की है।
कंपनी और विभाग से कई बार की गई शिकायतें बेअसर
कर्मियों ने बताया कि वे कई बार कंपनी और स्वास्थ्य विभाग को लिखित रूप में अपनी समस्याएं बता चुके हैं। इसके बावजूद कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई है। इस बीच, सिविल सर्जन से हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ने मरीजों की सुविधा के लिए फिलहाल वैकल्पिक व्यवस्था की है और कुल 15 एम्बुलेंस सेवा में कार्यरत हैं।
'सम्मान फाउंडेशन' के एक अधिकारी ने बताया कि पीएफ और ईएसआईसी जैसे मुद्दों पर बातचीत जारी है। वहीं, कई मरीजों की ओर से हड़ताल जल्द समाप्त करने की मांग भी सामने आ रही है। कर्मियों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं की जाती, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।