गढ़वा
सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार के लोकप्रिय साप्ताहिक संवाद कार्यक्रम "कॉफी विद एसडीएम" की 25वीं कड़ी बुधवार को खास रही। इस विशेष कड़ी में अनुमंडल क्षेत्र के लगभग 100 अधिवक्ताओं ने भाग लिया। अधिवक्ताओं ने न केवल अपनी निजी समस्याओं को साझा किया, बल्कि जनहित और कानून-व्यवस्था से जुड़े कई गंभीर विषयों पर रचनात्मक सुझाव भी दिए। एसडीएम संजय कुमार ने अधिवक्ताओं को "मानवाधिकारों का अंतिम प्रहरी" बताते हुए उनकी भूमिका की सराहना की और भरोसा दिलाया कि उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर प्रशासनिक स्तर पर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।
प्रमुख मुद्दे और सुझाव
• नदी अतिक्रमण पर चिंता:
अधिवक्ताओं ने दानरो और सरस्वतिया नदियों को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए निर्णायक अभियान चलाने की मांग की।
• अवैध नाम-प्लेट और वाहनों की जांच:
वकीलों ने सुझाव दिया कि एसडीएम, जिला परिवहन और पुलिस के संयुक्त प्रयास से फर्जी नेम प्लेटों पर कार्रवाई हो।
• लंबित मामलों का शीघ्र निपटारा:
पुराने मामलों के शीघ्र निष्पादन की मांग की गई, जिस पर एसडीएम ने कहा कि कई मामलों में मध्यस्थता कर हल निकाला जा रहा है।
• गढ़वा अंचल कार्यालय की जांच की मांग:
दलालों के प्रभाव और फर्जी एलपीसी की शिकायतों पर अधिवक्ताओं ने अंचल कार्यालय की गहन जांच की मांग की।
• अवैध पार्किंग और कोचिंग संस्थानों पर सवाल:
तंग गलियों में पार्किंग और कोचिंग संस्थानों के संचालन पर अधिवक्ताओं ने सख्त रुख अपनाने का सुझाव दिया।
• जलापूर्ति और सार्वजनिक मूत्रालय की मांग:
गढ़वा में पेयजल की समस्या को विकराल बताते हुए अधिवक्ताओं ने इस दिशा में ठोस पहल और सार्वजनिक मूत्रालयों की स्थापना की मांग की।
• डीजे और शराब के विरुद्ध कार्रवाई की सराहना:
डीजे और अवैध शराब के विरुद्ध एसडीएम द्वारा उठाए गए कदमों की प्रशंसा करते हुए अधिवक्ताओं ने नागरिकों से सहयोग का आह्वान किया।
• कोर्ट स्टांप की कालाबाजारी पर रोक:
स्टांप की किल्लत को सुनियोजित बताया गया, जिस पर एसडीएम ने जल्द छापेमारी और वेंडर्स से बैठक का आश्वासन दिया।
• भूमाफिया और सड़क समस्याएं:
भूमाफियाओं पर तत्काल कार्रवाई, सड़क किनारे अवैध वेल्डिंग दुकानों और क्षतिग्रस्त नालियों की मरम्मत जैसे मुद्दे भी सामने आए।
व्यक्तिगत समस्याएं और प्रशासनिक आश्वासन
प्रवीण पांडे, प्रमोद चौबे, महेश रंजन श्रीवास्तव सहित कई अधिवक्ताओं ने अपनी व्यक्तिगत समस्याएं भी साझा कीं, जिनमें से कुछ का मौके पर ही समाधान किया गया और कुछ पर शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन मिला।
सम्मान और सहभागिता
कार्यक्रम में भृगुनाथ चौबे, अशोक तिवारी, राम चरित्र चौधरी, मृत्युंजय तिवारी सहित लगभग दो दर्जन अधिवक्ताओं ने अपने विचार साझा किए। अधिवक्ताओं ने एसडीएम की इस अनोखी पहल की सराहना की, जिसे पहली बार अधिवक्ताओं के साथ इतना अनौपचारिक और गहन संवाद बताया गया। एसडीएम संजय कुमार ने सभी अधिवक्ताओं को भागीदारी के लिए धन्यवाद देते हुए आश्वस्त किया कि इस तरह के संवाद नियमित रूप से जारी रहेंगे।