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JMM ने हिमंता से पूछे ये सवाल, कहा- बीजेपी के ‘व्हिस्पर कैंपेन’ के खिलाफ खुलकर कैंपेन करें JMM कार्यकर्ता

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रांची 
झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने बयान जारी कर कहा है कि बिहार, छत्तीसगढ़, ओड़िशा और बंगाल से आए लोग - जिन विधानसभाओं में चुनाव हो रहे हैं, वहां चौक-चौराहों पर चुनाव पर चर्चा करते हुए दिख रहे हैं, यह बीजेपी का नया शिगूफा है, जिसे "व्हिस्पर कैंपेन" कहते हैं। इसके लिए हर विधानसभा में मोटी रकम खर्च कर दी गई है। सभी झारखंड वासियों से अपील है कि आप सब हेमंत सोरेन के लिए आज और कल "व्हिस्पर" नहीं, खुलकर कैंपेन करें - क्योंकि झारखंडियों के स्वभाव में डरना और धीरे-धीरे चोरी से बोलना नहीं होता। कहा कि इसके खिलाफ कैंपने की जरूरत है। 
विनोद पांडेय ने असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा से सवाल पूछा है। पूछा है कि क्या 20 साल के बीजेपी की लूट का हिसाब लिया है हिमंता ने ? उन्हें सलाह देते हुए कहा है कि असम जाने से पहले, खूंटी में हजारों आदिवासियों के घर चले जाइयेगा, जिन पर बीजेपी ने देशद्रोह का झूठा केस लगा दिया था। सिमडेगा में संतोषी के घर चले जाइये, नहीं तो उस बेटी के पिता के यहां, जिसे बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्री ने भरे मंच में लताड़ कर बेइज्जत करने का काम किया था। 
उन्होंने हिमंता से कहा है कि वह उन पारा शिक्षकों के घर भी जा सकते हैं जिन्हें जेल में डालने का पूर्व की बीजेपी सरकार ने काम किया था। बोला था होटवार जेल भेज देंगे, दफा पर दफा लगवा देंगे। उन्होंने हिमंता से कहा है कि बीजेपी से लड़ने के लिए यहां झारखंडी शेर हेमंत सोरेन हैं। अब आपका झूठ सब खत्म हो गया है तो आप असम में हमारे झारखण्डी भाई-बहनों से किये झूठे वादों को पूरा करने का काम करें। नहीं तो हेमन्त जी वहां भी आपके झूठ को नहीं बख्शेंगे।


उन्होंने कहा कि झारखंड विधानसभा चुनाव का प्रचार थम गया है। इसके साथ ही सूबे में महीनों से जमे घुसपैठियों के जाने का समय भी आ गया है। इन मौकापरस्त घुसपैठियों से झारखंड का संबंध बस यही तक का था। अब कल से ये अपना नया ठिकाना तलाशने दिल्ली और बिहार जाएंगे, वहां के लोगों में फूट डालेंगे और फिर वहां चुनाव ख़त्म होने पर फिर किसी दूसरे राज्य चले जाएंगे। ऐसे बहरूपिये सिर्फ आपके हिस्से के हक़ से अपना “रिचार्ज लेकर हवा हो जाते हैं।  अब सीधा पांच साल बाद ये चुनावी गिद्ध लौटेंग। झारखंड को बांटने का सपना लेकर आए इन गिद्दों को अपने मत के रूप में अंतिम तमाचा जड़ने का समय है। 
विनोद पांडेय के अनुसार अबुआ सरकार की कल्याणकारी योजनाओं में कोई जाति का भेदभाव नहीं होता। यदि आप आयकर देने में सक्षम नहीं हैं और आप झारखंडी हैं, तो आपको अपनी अबुआ सरकार की योजनाओं का लाभ अवश्य मिलेगा। चाहे वह: माईयां सम्मान योजना 200 यूनिट बिजली मुफ्त (40 लाख परिवारों के पूरी तरह नि:शुल्क) एक बार में पूरी बकाया बिजली बिल माफी अबुआ आवास या फिर 15 लाख का निःशुल्क इलाज इन सभी योजनाओं का लाभ लेने के लिए सिर्फ दो ही मुख्य शर्तें हैं: आप आयकर देने में सक्षम नहीं हैं आप झारखंडी हैं केंद्र की मोदी सरकार की कोई भी योजना उठाकर देख लीजिए - वह समाज को जाति-धर्म के आधार पर विभाजित करती है। हम जोड़ते हैं और जोड़ते रहेंगे।


 

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