रांची
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सुदेश महतो रांची जिले के बुढ़मू पहुँचे। यहाँ प्रखंड के कोठारी में जल, जंगल, जमीन बचाओ आंदोलन के तत्वावधान में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में उन्होंने पर्यावरण को बचाने का अपना संकल्प दोहराया। पूर्व उपमुख्यमंत्री व पूर्व वन एवं पर्यावरण मंत्री सुदेश कुमार महतो ने कहा की प्रकृति हमारे जीवन का मूल आधार है। इस संरक्षित करने का संकल्प लेना होगा। हमें जंगल उजाड़ कर खनन से राजस्व प्राप्त करने के लक्ष्य को त्यागना होगा। हमें जंगलों को बचाकर पर्यावरण को संरक्षित रखने का संकल्प लेना होगा। जंगल को बचाने का जो मॉडल और परंपरा हमारे पास वह दुनिया के लिए अनुकरणीय हो सकता है।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण हमारे जीवन का मूल आधार है और इसे संतुलित रखने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं। उन्होंने सभी से पर्यावरण संरक्षण के लिए शपथ लेने का आह्वान किया, जिसमें पौधारोपण के साथ-साथ पहाड़, पर्वत, नदी-नाले और जल स्रोतों को बचाने का संकल्प शामिल हो। महतो ने सुझाव दिया कि पर्यावरण को धर्म और संस्कृति से जोड़कर भी इसके संरक्षण को और प्रभावी बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा, “पर्यावरण संरक्षण केवल एक कार्य नहीं, बल्कि हमारी जीवनशैली और संस्कृति का अभिन्न हिस्सा होना चाहिए।”
वन बचाओ अभियान के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में स्थानीय समुदाय ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। श्री महतो ने सभी कार्यकर्ताओं और प्रकृति प्रेमियों से आह्वान किया कि वे पर्यावरण संरक्षण के इस अभियान को जन-जन तक पहुंचाएं और प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम एक पौधा लगाने के लिए प्रेरित करें। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम में युवाओं को संबोधित किया। झारखंड में जंगल को उन्होंने जीवन और भोजन का आधार बताया। साथ ही उन्होंने पौधारोपण किया। उन्होंने वृक्षों की पूजा कर रक्षा सूत्र बांधा और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
कार्यक्रम में वन बचाओ अभियान के कार्यकर्ताओं के साथ-साथ झारखंड आंदोलनकारी देवशरण भगत, वन बचाओ अभियान समिति के संजय बासु मल्लिक, हजारीबाग लोकसभा के पूर्व प्रत्याशी संजय मेहता, पूर्व जिला परिषद उपाध्यक्ष पार्वती देवी, हकीम अंसारी, रामजीत गंझु, प्रमुख सत्यनारायण मुंडा, उप प्रमुख हरदेव साहू, किरिटी महतो, नागेश्वर महतो सूर्यमनी भगत, बिरसा उरांव सहित अनेक प्रकृति प्रेमी उपस्थित थे।