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पैसे रोकने पर आया रिम्स का जवाब, सफाई करवाने वाली कंपनी पर ही लगा दिया लापरवाही का आरोप

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द फॉलोअप डेस्क
रिम्स में सफाई का कार्य देख रही अन्नपूर्णा यूटिलिटी सर्विसेज ने बीते कल रिम्स प्रबंधन पर 3 करोड़ रुपए रोक कर रखने का आरोप लगाया था। इस खबर के सामने आने के बाद रिम्स के तरफ से स्पष्टीकरण दिया है। रिम्स ने अपने आधिकारिक पेज पर पोस्ट कर बताया कि आखिर पैसा क्यों रोका गया है। रिम्स के तरफ से कहा गया कि एंजेंसी ने जो प्रतिवेदन दिया था, उसमें कई गलतीयां पाई गई हैं। वहीं जांच में पाया गया कि एजेंसी द्वारा सफाईकर्मियों के EPF (भविष्य निधि) और ESIC (कर्मचारी राज्य बीमा) की राशि उनके खातों में जमा नहीं की जा रही है और न ही इसकी कोई जानकारी दी जा रही है।

वहीं एजेंसी को हर महीने रिपोर्ट जमा करना होता है। उसमें जो रिपोर्ट जमा किए गए हैं वो या तो अधूरे हैं या तो समय पर नहीं दिया जाता है, जिससे भुगतान में बार-बार देरी हो रही है। इस लापरवाही से एजेंसी के कर्मचारी भी नाराज़ हैं और इसकी जानकारी एजेंसी को भी दी जा चुकी है। रिम्स प्रबंधन ने इस लापरवाही के मद्देनज़र 26 मार्च 2025 को पत्र जारी कर एजेंसी को चेतावनी दी थी। इसके बाद भी मार्च और अप्रैल 2025 के महीनों के लिए EPF, ESIC और बोनस से संबंधित कोई भी चालान एजेंसी ने प्रस्तुत नहीं किया। 24 मई 2025 को प्रबंधन ने निर्णय लिया कि जब तक सभी संबंधित चालान नहीं दिए जाते, तब तक भुगतान पर रोक लगाई जाएगी। एजेंसी की ओर से सफाई दी गई कि यह देरी 'रिलीवर' (अवकाश में काम करने वाले कर्मचारी) के भुगतान के कारण हुई है, लेकिन इस संबंध में कोई विवरण विपत्र में शामिल नहीं किया गया है।

रिम्स प्रशासन ने साफ किया है कि IPD विभाग और वे इकाइयाँ जो रविवार या छुट्टियों में भी संचालित होती हैं, वहाँ काम करने वाले सफाईकर्मियों को महीने के पूरे 30 या 31 दिन का वेतन दिया जाएगा। वहीं, बाकी विभागों में कार्यरत सफाईकर्मियों को केवल 26 कार्यदिवसों के आधार पर वेतन दिया जाएगा। इसके लिए चिकित्सा उपाधीक्षक-1 द्वारा सभी सफाईकर्मियों का विभागवार विवरण तैयार किया जा रहा है, ताकि सही वेतन तय किया जा सके। हालांकि, बार-बार बैठक और निर्देश देने के बावजूद एजेंसी ने न तो कर्मचारियों की उपस्थिति रिपोर्ट दी है और न ही आवश्यक चालान की प्रतियां जमा की हैं। यह लापरवाही भुगतान प्रक्रिया में बाधा बन रही है। रिम्स प्रबंधन ने साफ किया है कि नियमों के उल्लंघन और आवश्यक दस्तावेजों की अनुपलब्धता की स्थिति में किसी भी प्रकार का गलत भुगतान नहीं किया जा सकता।

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