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नक्सलवाद खत्म करने के लिए प्रशासनिक के साथ साहित्यिक प्रयास भी हों: बाबूलाल मरांडी 

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रांची 

उपन्यास 'अलविदा लाल सलाम' का लोकार्पण करते हुए बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि नक्सलवाद को खत्म करने के लिए प्रशासनिक के साथ साहित्यिक प्रयास भी जरूरी हैं। बता दें कि आज रांची के प्रेस क्लब में रेणुका तिवारी द्वारा लिखित उपन्यास ‘अलविदा लाल सलाम’ का लोकार्पण किय गया। कार्यक्रम का आयोजन रांची सिटिजन फोरम की ओऱ से किया गया। समारोह में बाबूलाल मरांडी ने कहा कि नक्सलवाद देश की एक प्रमुख समस्या है। इसे दूर करने के लिए कई स्तरों पर एक साथ काम करने की जरूरत है। इस दिशा में सरकार की ओर से कदम उठाये जाने के साथ कलम भी उठाने की जरूरत है। कहा कि लेखन का उद्देश्य केवल मनोरंजन करना नहीं, वरन राष्ट्र निर्माण भी होना चाहिए। 

लेखिका ने उपन्यास के कथानक की जानकारी दी 

समारोह के विशिष्ट अतिथियों में झारखंड विधानसभा के सदस्य व पूर्वी सिंहभूम के विधायक सरयू राय, पूर्व पुलिस महानिरीक्षक अरुण सिंह और रांची सिटिजन फोरम के अध्यक्ष दीपेश निराला शामिल थे। वरिष्ठ साहित्यकार अशोक प्रियदर्शी ने समारोह की अध्यक्षता की। उपन्यास का लोकार्पण मुख्य अतिथि बाबूलाल मरांडी के द्वारा किया गया। लेखिका रेणुका तिवारी ने बताया कि यह उपन्यास देश के विभिन्न हिस्सों में पल रहे अतिवादी विचारधारा नक्सलवाद की असलियत की कहानी है। नक्सली कमांडर के मोहभंग होने की कहानी है। वो अंततः लोकतंत्र की ताकत को समझता है और मुख्यधारा में वापसी का संकल्प करता है। पूर्व पुलिस महानिरीक्षक अरुण सिंह ने बताया कि लाल सलाम जैसे विषय पर उपन्यास लिखना साहस का काम है। कहा कि हमें सिस्टम की उन खामियों को दूर करना होगा, जिससे लोग नक्सली बनते हैं। साथ ही नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास करना होगा। 

झारखंड में नक्सलवाद एक बड़ी समस्या

रांची सिटिजन फोरम के अध्यक्ष दीपेश निराला ने कहा कि झारखंड में नक्सलवाद एक बड़ी समस्या है। उपन्यास में इस समस्या के हल की बात कही गयी है। वरिष्ठ साहित्यकार अशोक प्रियदर्शी ने कहा कि इस पुस्तक के लिए ऐसे शीर्षक का चुनाव करना जोखिम भरा काम है। इसके लिए संवेदनशील लेखनी की जरुरत थी। ख़ुशी है कि रेणुका तिवारी ने ये दोनों कार्य बखूबी निभाया है। आगे उन्होंने कहा कि लेखिका ने उपन्यास में नक्सलवाद के स्याह पक्ष को बड़े ही मार्मिक ढंग से चित्रित किया है। मंच संचालन की भूमिका मृदुला ने निभाई। धन्यवाद ज्ञापन सुशील लाल ने किया। समारोह में शहर के साहित्यकार, शिक्षक और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।