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16वां वित्त आयोग : अब जिस गांव की योजना, उस गांव की सभा की सहमति होगी जरूरी

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द फॉलोअप डेस्क
वित्त आयोग केंद्र और राज्य के बीच राजस्व बंटवारे की नीति निर्धारित करता है। उसे लागू करने की केंद्र सरकार से सिफारिश करता है। 16 वां वित्त आयोग भी एक अप्रैल 2026 से राजस्व बंटवारे के लिए सिफारिश करेगा। साथ ही पंचायतों एवं नगर पालिकाओं के वित्तपोषण के लिए राज्य की समेकित निधि को बढ़ाने के उपाय भी सुझाता है। आयोग ने 31 अक्तूबर तक अपनी सिफारिशें केंद्र सरकार को उपलब्ध कराने का वादा किया है। 


लेकिन इस बार वित्त आयोग ने पंचायतों के वित्त पोषण के लिए कुछ नयी शर्तें जोड़ी है। जानकारी के अनुसार पंचायतों को मिलनेवाली राशि के खर्च पर उस गांव की ग्राम सभा की सहमति जरूरी होगी, जहां विकास योजनाओं पर काम होगा। ग्राम पंचायत की आम सभा की सहमति से वर्तमान में कराये जा रहे काम पर अंकुश लगेगा। जानकारी के अनुसार अब किसी पंचायत में अगर चार या पांच गांव हैं तो उस गांव की ग्राम सभा की सहमति लेने की बाध्यता से योजनाओं के कार्यान्वयन में विलंब की आशंका जाहिर की जा रही है।


 

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