द फॉलोअप डेस्क, रांची
29 दिसंबर को हेमंत सरकार के 4 साल पुरे होने पर आजसू ने रोजगार, भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों पर जमकर घेरा है। पार्टी की ओर मुख्य वक्ता के रूप में सुदेश महतो ने कहा कि 2024 हेमंत सरकार के अंतिम विदाई का साल होगा। उन्होंने कहा कि न नीति न नियुक्ति न नियोजन, तीनों ही विषयों पर हेमंत की महागठबंधन वाली सरकार विफल रही है। इसका प्रभाव सबसे ज्यादा इन अवसरों का लाभ लेने वाले नौजवान छात्र के ऊपर पड़ा। उन्होंने कहा कि इस प्रदेश में वर्तमान समय में 7 लाख से ज्यादा रजिस्टर्ड बेरोजगार हैं। बकायदा अपना बायोडाटा देकर जिन्होंने सरकार से नौकरी मांगी, लेकिन नौकरी के मामले में केवल युवाओं को ठगा गया। 4 साल के अंदर में वैकल्पिक रोजगार के अवसर नहीं दिए गए। केवल बड़े-बड़े उद्योगपतियों का जमावड़ा हुआ फोटो खींचावाये, लेकिन एक भी काम जनता की हित में नहीं किये।
रोजगार के लिये 8 लाख लोगों ने किया पलायन
सुदेश महतो ने कहा कि नौकरी नहीं मिलने की वजह से 8 लाख से ज्यादा नागरिक इस प्रदेश से पलायन कर गए। नीतियों के लिए संघर्ष कर रहा है पारा टीचर। उन्होंने कहा कि पारा शिक्षक 4 साल पूर्व भी सड़क पर थे और 4 साल बाद भी आज सड़क पर हैं। मैंने शहर में लगे बैनर पोस्टर में देखा कि उन्होंने लिखा है युवा झारखंड के बढ़ते कदम। लेकिन इन चार सालों में मुझे ऐसा लग रहा है कि युवा झारखंड के भटकते कदम हैं। इन 22 वर्ष के झारखंड में नियुक्तियों के मामले में जो अड़चन आया और उसका परिणाम आप लोग देख रहे हैं। 32 की दुहाई देने वाले यह सरकार 4 साल में एक भी नौकरी नहीं दे पाई। क्योंकि नियमावली नहीं बन सकी इसकी एक बड़ी वजह यह भी रही।
4 साल में सरकार ने केवल किया वसूली
सुदेश महतो ने कहा कि हेमंत सरकार झारखंड की जनता के साथ षडयंत्र कर रही है। इन 4 सालों में केवल प्रस्ताव को सदन में लाकर आना-जाना बस यही चलता रहा। जहां सरकार को पॉलिसी बनाना चाहिए, जिस वसूल पर सरकार को चलना चाहिये उस वसूल पर चलने के बजाय वसूली करने में लग गई। इसका परिणाम यह है अपने शासन को कमजोर बना दिया। आज पदाधिकारी का चयन उनके कार्य-कुशलता के आधार पर नहीं होता। सरकार द्वारा किये काम के किसी स्तर पर आप चले जाइये, सरकारी कामकाज का बुरा प्रभाव अघोषित पॉलिसी के कारण पड़ा है।
हेमंत सरकार ने आने वाले 10 साल को किया खराब
आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने हेमंत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस सरकार ने झारखंड का आने वाले 10 साल के पोजीशन खराब करके रख दिया। उन्होंने कहा कि क्योंकि इस व्यवस्था को पटरी में आने में एक ईमानदार सरकार की जरूरत है। लेकिन अब लगातार 10 साल मेहनत करना पड़ेगा तब जाकर के सरकार कामकाज पटरी पर आ पाएगा। देश के 28 राज्यों के अंदर प्रगति के मामले में झारखंड का स्थान फिसड्डी है। कानून व्यवस्था को लेकर सुदेश महतो ने कहा कि जितनी अपराध की घटनाएं इस प्रदेश में घटी, वो अपने आप में रिकॉर्ड है। अपराध की सूचि में झारखंड शीर्ष 5वें स्थान पर है। इतना ही नहीं एक भी केस का निष्पादन साई तरिके से नहीं हो पा रहा। दिन-प्रतिदिन घटनाओं की संख्या बढ़ रही है। जितनी घटनाओं की शिकायत दर्ज हुए उनमें कितने मामलो का निष्पादन हुआ, इसका जवाब सरकार को आज देना चाहिए था।
90 हजार से अधिक शिक्षक पद हैं खाली
स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड को लेकर के सुदेश महतो ने कहा, सभी विभिन्न विद्यालयों में 90000 से अधिक शिक्षकों के पद खाली हैं। जिस राज्य में के अंदर इतने बड़े पैमाने पर शिक्षकों की कमी से स्कूली व्यवस्था भी चौपट है। सरकार ने इन 4सालों में कितने कॉलेज बनाये इसका जवाब देना चाहिये। शैक्षणिक हो या नियोजन सब मे सरकार विफल रही। राशन वितरण को लेकर सुदेश महतो ने कहा कि, राज्य सरकार ने हरा राशन कार्ड के माध्यम से लोगों को अनाज देने का वादा किया था। लेकिन इन 4 सालों में हरा राशन कार्ड के माध्यम से सरकार गरीबों तक अनाज पहुंचाने में असफल रही।