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बहाली : 2500 प्रोफेसरों की जल्द होगी नियुक्ति, JPSC कर रहा तैयारी...2018 में भी  निकाला गया था विज्ञापन

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रांचीः

जेपीएससी जल्द ही 2500 असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर की नियुक्ति करने वाला है। असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती प्रक्रिया मार्च में शुरू हो जाएगी। इसमें सबसे पहले आए आवेदनों का मेरिट लिस्ट तैयार किया जाएगा । मेरिट लिस्ट में उनके शैक्षणिक योग्यता, अनुभव के आधार पर तय की जाएगी। इसके बाद सर्टिफिकेट वैरेफिकेशन और इंटरव्यू की प्रक्रिया होगी। जुलाई 2018 में इसका विज्ञापन निकाला गया था। अभ्यर्थियों से आवेदन भी लिए गए थे पर जनवरी 2019 में नियुक्ति प्रक्रिया स्थगित कर दी गई थी।


विज्ञापन रद्द किया जा रहा 
बता दें, नवंबर-दिसंबर 2016 में 162 एसोसिएट प्रोफेसर (सह प्राध्यापक) के लिए आवेदन लिए गए थे। विज्ञापन निकले 5 साल से अधिक समय बीत जाने की वजह से इसे रद्द किया जा रहा है। इन पदों को एसोसिएट प्रोफेसर की नई नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा। बता दें कि झारखंड के यूनिवर्सिटीज में वर्तमान में जुलाई 2018 में असिस्टेंट प्रोफेसर की निकली नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है। इसमें बैकलॉग पदों को भरा जा रहा है, जबकि अगले महीने से 552 नियमित पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 


499 पदों पर नियुक्ति हो चुकी है
असिस्टेंट प्रोफेसर के 556 बैकलॉग पदों पर भी नियुक्ति प्रक्रिया रोकी गई थी, लेकिन बाद में दिसंबर 2019 में यह दोबारा शुरू की गई और अब तक 499 पदों पर नियुक्ति हो चुकी है। कॉमर्स और अर्थशास्त्र का रिजल्ट जारी कर फरवरी अंत तक नियुक्ति की अनुशंसा कर दी जाएगी। जेपीएससी ने विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के बैकलॉग पदों में राजनीतिक शास्त्र विषय का रिजल्ट जारी कर दिया गया। 47 अभ्यर्थियों ने इसमें सफलता पायी है। रांची विवि के आठ, सिदो-कान्हू विवि के 12, विनोबा भावे विवि के 14, नीलांबर-पितांबर विवि को 4 व कोल्हान विवि को 9 असिस्टेंट प्रोफेसर मिले हैं।


नया विज्ञापन निकाला जाएगा
रांची यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर की सीधी नियुक्ति के लिए 103 पद खाली हैं। 2016 में निकले विज्ञापन में 36 पदों पर विज्ञापन निकला था। पांच साल में 67 पद खाली हुए हैं। इसी तरह दूसरे विश्वविद्यालयों में भी एसोसिएट प्रोफेसर की रिक्तियां बढ़ी होंगी। इसके लिए सभी विश्वविद्यालयों से एसोसिएट प्रोफेसर के खाली पदों की फिर से संख्या की मांग की जा रही है। विश्वविद्यालयों को 2017 से 2022 तक खाली होने वाले पदों की संख्या देनी होगी। इसके बाद निर्धारित रिक्तियों पर नया विज्ञापन निकाला जाएगा और नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाएगी।