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गुमला की 3 महिला फुटबॉलर का चयन राष्ट्रीय कैंप को लिए हुआ, AFC एशियन कप में बनाई जगह 

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द फॉलोअप डेस्क 
झारखंड की 3 महिला फुटबॉलर का चयन राष्ट्रीय कैंप के लिए किया गया है। जून-जुलाई में होने वाले एएफसी एशियन कप 2026 क्वालीफायर से पहले राष्ट्रीय शिविर के लिए 39 संभावित खिलाड़ियों की घोषणा की गई है, जिसमें झारखंड की 3 खिलाड़ी शामिल है। तीनों खिलाड़ी गुमला जिला के आवासीय केंद्र की बच्चियां है, जिसको लेकर खिलाड़ियों में काफी उत्साह का माहौल देखने को मिल रहा है।

वैसे तो अब तक जूनियर ग्रुप में गुमला की कई खिलाड़ियों का नाम सामने आ चुका है, लेकिन पहली बार सीनियर खिलाड़ी के रूप में राष्ट्रीय कैंप के लिए झारखंड से जिन 3 खिलाड़ियों का चयन हुआ है वह तीनों गुमला जिला में संचालित आवासीय केंद्र की बच्चियों हैं। इसमें  पूर्णिमा कुमारी, विकसित बड़ा और सुमति कुमारी शामिल है। इनके चयन को लेकर गुमला के तमाम खिलाड़ियों में काफी उत्साह का माहौल देखने को मिल रहा है। उनके कोच बीना की माने तो या खिलाड़ी काफी प्रतिभावान है जो लंबे समय से अपने खेल प्रतिभा के कारण कई मंचों पर अपना स्थान बना चुकी है।  साथ ही लगातार देश और राज्य का नाम रोशन कर चुकी है। उनकी माने तो इन खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा के बलबूते पर तमाम भागों के बीच में जिस तरह से अपनी पहचान बनाई है उसकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है।  उन्होंने बताया कि इन खिलाड़ियों की अपनी एक अलग पहचान है और यह खिलाड़ी कई बार भारतीय टीम में जूनियर में शामिल होकर भारत का नाम रौशन कर चुकी हैं।  इन खिलाड़ियों के राष्ट्रीय कैंप में शामिल होने से आवासीय परिसर की अन्य बच्चियों में भी काफी खुशी का माहौल देखने को मिल रहा है। उनका भी मानना है कि वह इन तीनों बच्चियों से काफी प्रेरित है और निश्चित रूप से उन्हीं के प्रेरणा से वह लगातार अभ्यास कर रही हैं।  

बता दें कि जिन तीन खिलाड़ियों का चयन हुआ है वह अभी गुमला से बाहर हैं। सुमति कुमारी असम राइफल में कार्यरत हैं और वह भारतीय सीनियर टीम की नियमित सदस्य भी हैं। जबकि पूर्णिया कुमारी फीफा अंडर 17 वर्ल्ड कप खेल चुकी है। वहीं विकसित बाड़ा भी भारतीय अंडर 17 फुटबॉल टीम के प्रतिनिधित्व कर चुकी है। इन खिलाड़ियों के चयन से गुमला के लोग भी काफी उत्साहित हैं। लेकिन लोगों का यह मानना है कि निश्चित रूप से यह सब संभव हो पाया है यहां पर मौजूद उनके कोच के कारण। कोच नियमित रूप से इन लोगों को प्रयास करवाती हैं। जबकि प्रशासन और सरकार की ओर से इन खिलाड़ियों को जो व्यवस्था दी जानी चाहिए थी वह व्यवस्था सही रूप से नहीं मिल पाने के कारण भी कई बार  दिक्कत का सामना करना पड़ता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि उनके लिए एक जो बेहतर फुटबॉल का अभ्यास मैदान होना चाहिए वह भी नहीं बन पाया है जिसके कारण इन खिलाड़ियों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।  स्थानीय लोगों का स्पष्ट मानना है कि जिस तरह से झारखंड की बच्चियों में खेल की प्रतिभा देखने को मिलती है अगर उन्हें सही रूप से अवसर और सुविधा मिले तो यह लोग भारतीय टीम में अपना स्थान अस्थाई रूप से बना सकती हैं। 

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