द फॉलोअप डेस्क
धनबाद के बाघमारा में CISF के फायरिंग में 4 युवकों की मौत की घटना की जांच के लिए माले विधायक विनोद सिंह पूर्व विधायक अरूप चटर्जी, कार्तिक हाड़ी और मजदूर नेता बलदेव वर्मा ने घटनास्थल का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने मृतकों के परिजनों और स्थानीय लोगों से घटना की विस्तृत जानकारी ली।
परिजनों का आरोप, प्रशासन की मिलीभगत
मौके पर मृतकों के परिजनों ने बाताया कि प्रीतम चौहान पहले शैली कंपनी में कार्यरत था। जब माँ अम्बे आउटसोर्सिंग कंपनी आई तो इसे काम पर नहीं रखा औऱ इन्होंने घर के पास चाय की दुकान खोल ली। अताउल्लाह अंसारी को भी जब स्थानीय होने के कारण माँ अम्बे ने कार्य पर नहीं रखा। तो ये अग्निवीर की तैयारी में जुट गया था। परिजनों ने बताया कि कुछ दिन पहले रांची में सेना की दौड़ में भाग लेकर आया था। सज़्ज़ाद भी मां अम्बे में नियोजन को लेकर 8 दिन भूख हड़ताल पर बैठा था। लेकिन, उस पर कोई सुनवाई नहीं हुई। वहीं परिजनों ने आरोप लगाया कि कोयला का काला कारोबार कोयला माफियाओ ,कोयला प्रबंधन , सीआइएसएफ, जिला प्रशासन, के मिलीभगत से संगठित गिरोह द्वारा किया जा रहा है।
मुआवजा और नियोजन की मांग
माले विधायक विनोद सिंह ने कहा की अवैध खनन में दुर्घटना हो या गोली से मौत हमेशा निरीह , कमजोर, लोगों की होती है। गोली चलाने वाले सीआइएसएफ के जवान नशे में थे या नहीं। इस घटना की उच्चस्तरीय जांच की जानी चाहिए। साथ ही उऩ्होंने कहा कि सीआईएसएफ को ये बताना पड़ेगा की सभी को गोली कमर से ऊपर कैसे लगी। वहीं उन्होंने बताया कि जांच दल के सभी सदस्यों ने सरकार से मांग की है कि घटना की उच्चस्तरीय जांच हो और दोषीयों पर सख्त करवाई हो। मृतक के आश्रितों को मुआवजा के साथ नियोजन की गारंटी मिले।