रांची:
राजधानी रांची स्थित स्टेट गेस्ट हाउस में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय के बीच मुलाकात हुई। बताया जाता है कि दोनों के बीच बंद कमरे में अहम बैठक भी हुई। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक इस मीटिंग में कोई भी तीसरा शख्स मौजूद नहीं था। बैठक को लेकर एक और जो बड़ी बात है, उसके मुताबिक ये पहली दफा है जब मुख्यमंत्री खुद चलकर अविनाश पांडेय से मिलने पहुंचे। पहले भी कई दफा, सीएम हेमंत सोरेन और प्रभारी अविनाश पांडेय के बीच मुलाकात हुई है लेकिन तब अविनाश पांडेय ही मुख्यमंत्री के पास पहुंचे थे।
दोपहर को गेस्ट हाउस पहुंचे थे सीएम हेमंत
गौरतलब है कि आज दोपहर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन स्टेट गेस्ट हाउस पहुंचे। यहां, दोनों ही पार्टियों के कई नेता मौजूद थे लेकिन बैठक में केवल अविनाश पांडेय और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ही मौजूद रहे। पार्टी प्रवक्ताओं ने इसे औपचारिक मुलाकात बताया लेकिन बंद कमरे में केवल 2 लोगों के बीच मुलाकात काफी अहम है। ये केवल शिष्टाचार या औपचारिक मुलाकात नहीं हो सकती। सियासी जानकारों का कहना है कि इस बैठक में यूपीए गठबंधन की आगे की रणनीति तथा मुख्यमंत्री की विधायकी रद्द होने की स्थिति में अन्य विकल्पों पर चर्चा हुई होगी।
मीटिंग में दोनों के बीच क्या चर्चा हुई होगी!
कहा जा रहा है कि मीटिंग में ना केवल भविष्य की रणनीति पर चर्चा हुई होगी बल्कि सीएम चेहरे के लिए विकल्पों पर भी विचार-विमर्श किया गया होगा। दरअसल, मुख्यमंत्री की विधायकी जाने के पश्चात भी महागठंबधन सरकार को आंकड़ों के लिहाज से कोई खतरा नहीं है। महागठबंधन में शामिल कांग्रेस के पास 18 विधायक हैं। हालांकि, इनमें से 3 कैश कांड मामले में निलंबित हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा के पास 30 विधायक हैं। आरजेडी का 1 विधायक है वहीं भाकपा (माले) ने भी सरकार को समर्थन दिया हुआ है। मीटिंग में विपक्ष के हमलों से निपटने को लेकर भी चर्चा हुई होगी।
राज्यपाल ने भेज दी अपने आदेश की कॉपी
दरअसल, खबरें हैं कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े खनन पट्टा लीज मामले में राज्यपाल ने अपने आदेश की कॉपी केंद्रीय निर्वाचन आयोग को भेज दी है। अब आयोग को इस विषय में अधिसूचना जारी करना है। खबरें हैं कि मुख्यमंत्री की विधायकी रद्द की जा चुकी है। ऐसे में यूपीए महागठबंधन के बीच भविष्य की रणनीति पर लगातार चर्चा जारी है। शनिवार को भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन यूपीए विधायकों के साथ खूंटी स्थित लतरातू डैम गये थे। कहने को तो ये पिकनिक था लेकिन असल में इसके जरिए यूपीए ने एकजुटता प्रदर्शित करने का प्रयास किया था।