रांचीः
आज माकपा के पार्टी मुख्यालय में बैठक की गई। बैठक के बाद प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए माकपा राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने कहा कि आर एस एस - भाजपा की सुनियोजित नफरती साजिश के अन्तर्गत धार्मिक उन्माद फैलाए जाने के खिलाफ झारखंड मे सभी धर्मनिरपेक्ष शक्तियों के साथ मिलकर साझा अभियान चलाया जाएगा। जिसका मुख्य लक्ष्य होगा सांप्रदायिक धुव्रीकरण के खिलाफ आपसी भाईचारा और सद्भावना। अभियान की शुरुआत रांची और उप राजधानी दुमका में एक व्यापक उपस्थिति वाले जन कन्वेंशन से होगी। उन्होंने बताया कि पंचायत चुनाव में भी ग्रामीण मतदाताओं के नाम पार्टी द्वारा एक अपील जारी किया जा रह है जिसमें इस पंचायत चुनाव मे सांप्रदायिक उन्माद और उत्पात में शामिल रहने वाले उम्मीदवारों को चिन्हित कर न केवल हराने का बल्कि इस प्रकार के पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों की जमानत जब्त कराए जाने का आह्वान किया जायेगा।
राज्यपाल एजेंट के रुप में काम कर रहे
प्रकाश विप्लव ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की निर्वाचित सरकार को गिराने की लगातार कोशिश की जा रही है। इसके लिए राज्य के गवर्नर भाजपा के एजेंट के रूप मे काम कर रहे हैं। यह चिंताजनक है। भाजपा के कहने पर राज्यपाल ने विधानसभा से पारित मॉब लिचिंग के खिलाफ बने विधेयक को वापस कर दिया था। उनका यह आचरण भारत के फेडरल स्वरूप के भी खिलाफ है। राज्यपाल के कहने पर ही केन्द्रीय चुनाव आयोग ने पत्थर खनन लीज मामले मे अपने स्पेशल दुत द्वारा मुख्यमंत्री को नोटिस भेज कर उसे तामिल कराते हुए मुख्यमंत्री को 10 मई तक अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। इतना ही नहीं चुनाव आयोग द्वारा अति सक्रियता दिखाते हुए दो अन्य मामलों मे भी मुख्यमंत्री को नोटिस दिए जाने की तैयारी चल रही है।
हार को पचा नहीं पा रही भाजपा
2019 मे हुए विधानसभा चुनाव मे भाजपा अपनी हार को पचा नहीं नहीं पा रही है। इसलिए हेमंत सरकार को गिराने के लिए सभी प्रकार के हथकंडों का इस्तेमाल कर रही है। जिसमें गठबंधन के विधायकों की खरीद परोख्त की कोशिश भी शामिल है। हेमंत सरकार के अबतक के कार्यकाल मे जितने भी विधानसभा के सत्र हुए भाजपा ने संसदीय परंपराओं को तिलांजलि देकर विधानसभा को बाधित किए जाने का ही काम किया है। भाजपा को अपने गिरेबां मे झांक कर देखना चाहिए कि उसके पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल मे मोमेंटम झारखंड के नाम पर कितना बड़ा घोटाला हुआ। उनकी ही पार्टी के सरयू राय ने किताब लिख कर सबूतों के साथ रघुवर दास पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उसी प्रकार बाबू लाल मरांडी पर भी भष्टाचार के कई आरोप लगते रहे हैं।
भाजपा सांप्रदायिक ढंग से साजिश रचकर सरकार गिराना चाहती है
राजनीति के संरक्षण मे हुए भष्टाचार के मामले मे सीपीएम का स्पष्ट कहना है कि भष्टाचार के किसी भी मामले मे जीरो टालरेंस की नीति अपनाते हुए कानून को अपना काम करना चाहिए। चाहे आरोपित व्यक्ति किसी भी उच्च पद पर क्यों नहीं हो। लेकिन भाजपा अपने सांप्रदायिक धुव्रीकरण के एजेंडे को छिपाने के लिए एक सोची समझी रणनीति के तहत निर्वाचित सरकार को अपदस्थ किए जाने की सुनियोजित साजिश कर रही है जिसका पर्दाफाश किया जाना जरूरी है।
जनता के हितों की हिफाजत सीपीएम का लक्ष्य
पार्टी के राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने कहा कि सीपीएम के नेतृत्व मे प. बंगाल मे 34 साल और त्रिपुरा मे दो दशकों से ज्यादा समय तक वाममोर्चा की सरकार रही थी। अभी केरल मे भी पिछले 8 वषों से वाम - जनवादी मोर्चे की सरकार है लेकिन इन सरकारों और उनके मंत्रियों पर एक भी भष्टाचार के आरोप नहीं लगे। क्योंकि कम्युनिस्ट राजनीति को अपना हित साधने का माध्यम नहीं बनाते हैं बल्कि वे राजनीति मे उच्च आदर्शों के साथ जनता के हितों की हिफाजत को ही अपना कर्तव्य मानते हैं। माकपा स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर पूरे राज्य मे आजादी के आंदोलन मे स्थानीय योगदान को चिन्हित कर जिला स्तरीय समारोह आयोजित करेगी जिसकी शुरुआत धनबाद जिले से होगी।