logo

दिल्ली : आप ने दिल्ली के उपराज्यपाल पर लगाया 1400 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप, गरमाई सियासत

a723.jpg

दिल्ली: 

दिल्ली  (Delhi) में उठा सियासी तूफान थमता नहीं दिख रहा। रोज आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। अब आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने दिल्ली के उप-राज्यपाल विनय सक्सेना (Vinay Saxena) पर 1400 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है। दरअसल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने सोमवार को दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) में विश्वास प्रस्ताव पेश किया। विश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए आप विधायक दुर्गेश पाठक (Durgesh Pathak) ने उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना पर 1400 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया। 

गांधी के नाम पर किया 1400 करोड़ रुपये का घोटाला!
विधानसभा में विधायक दुर्गेश पाठक ने कहा कि खादी विभाग में गांधी के नाम पर 1400 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया। घोटाले को लेकर सीबीआई (CBI) में मामला दर्ज किया गया लेकिन उसमें उप-राज्यपाल का नाम नहीं लिखा गया। सीबीआई ने छापेमारी भी नहीं की। प्राथमिकी में नाम दर्ज नहीं किया गया। पूरे मामले की लीपा-पोती कर दी गई। ये दुर्भाग्यपूर्ण है।

सीबीआई की एफआईआर में एलजी का नाम शामिल हो!
दुर्गेश पाठक ने सीबीआई  की प्राथमिकी में उपराज्यपाल का नाम शामिल करने की मांग की। कहा कि हमारी मांग है कि सीबीआई अपने एफआईआर में उपराज्यपाल विनय सक्सेना का नाम भी शामिल करे। पाठक के आरोपों के समर्थन में आप विधायकों ने वेल में आकर नारेबाजी की। यही नहीं, आप विधायकों ने विधानसभा परिसर स्थित गांधी प्रतिमा के सामने जाकर भी उपराज्यपाल के खिलाफ प्रदर्शन किया। उपराज्यपाल पर आरोप है कि उन्होंने खादी ग्रामोद्योग का चेयरमैन रहते नोटबंदी के समय नोटों की अदला-बदली करके 1400 करोड़ रुपये का घोटाला किया। उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। 

मनीष सिसोदिया पर सीबीआई की कार्रवाई से गर्म सियासत
गौरलब है कि दिल्ली में बीते कुछ दिनों से सीबीआई की कार्रवाई को लेकर सियासत गर्माई हुई है। हाल में सीबीआई की टीम ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के आवास पर छापेमारी की थी। यही नहीं, उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया था। आम आदमी पार्टी जहां इसे केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग बता रही है वहीं बीजेपी ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगा है। देखना दिलचस्प होगा कि आखिरकार ये सियासी लड़ाई कहां जाकर थमती है।