द फॉलोअप डेस्क
झारखंड सरकार ने राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी निशा तिर्की की एक वेतन वृद्धि रोकने का फैसला लिया है। उन पर अवैध रूप से नामांतरण (दाखिल-खारिज) करने का गंभीर आरोप है। यह मामला खूंटी जिले के कर्रा प्रखंड के गुस्साटोली मौजा से जुड़ा है। आरोप है कि निशा तिर्की ने जिला बोर्ड की जमीन से संबंधित एक प्लॉट के नामांतरण आवेदन को बिना जांच और मूल खतियान देखे ही मंजूरी दे दी थी। इतना ही नहीं, मूल रजिस्टर (पंजी) से जमीन का रकबा भी घटा दिया गया, जो नियमों के खिलाफ है।
सरकारी जांच में यह सामने आया कि निशा तिर्की ने यह कार्रवाई अपने अधीनस्थ कर्मचारियों की रिपोर्ट पर भरोसा करते हुए की थी, बिना खुद दस्तावेजों की जांच किए। इसी लापरवाही के चलते सरकार ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए एक वेतन वृद्धि को रोका है, जो असंवेतनात्मक (बिना बकाया रोक) प्रभाव से लागू होगी। हालांकि, खूंटी के उपायुक्त ने उनकी 2 वेतन वृद्धियों पर रोक लगाने की सिफारिश की थी, लेकिन राज्य सरकार ने एक वेतन वृद्धि रोकने का ही निर्णय लिया।