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दिल्ली : मिशन अग्निपथ के इंडियन आर्मी में भर्ती होंगे 'अग्निवीर', जानिए पूरी प्रक्रिया! 

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डेस्क: 

भारतीय सेना में युवाओं की भर्ती के लिए नई योजना शुरू की गई है। केंद्र सरकार ने इसे मिशन अग्निवीर नाम दिया है। बुधवार को वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने इस मिशन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय स्तर पर भर्तियों का आयोजन किया जाएगा। चयनित युवाओं को 6 महीने के प्रशिक्षण से गुजरना होगा।

 

साढ़े तीन साल की सेवा देनी होगी
उप सेना प्रमुख ने बताया कि सेना में उनको साढ़े 3 साल तक सेवा देनी होगी। 4 साल बाद भर्ती हुए युवाओं में से महज 25 फीसदी को ही आगे कन्टीन्यू किया जाएगा। बाकी 75 फीसदी लोगों को सेवामुक्त कर दिया जाएगा। उनको कहीं और नौकरी दी जाएगी। सेना उपप्रमुख बीएस राजू ने कहा कि अब से तीन महीने तक भर्ती रैलियों का आयोजन किया जाएगा। अब से लगभग 180 दिन बाद पहले रंगरूट हमारे प्रशिक्षण केंद्रों में होंगे। 1 साल बाद विभिन्न बटालियनों में अग्निवीर आएंगे। 

कौशल प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को प्राथमिकता
उपसेना प्रमुख ने कहा कि मिशन अग्निवीर के तहत सेना भर्ती के लिए उन्हीं युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी जिन्होंने भारतीय सेना में दी जाने वाली जरूरी कौशल और ट्रेनिंग पहले ही हासिल कर ली हो। उन्होंने बताया कि हमलोग आईटीआई और पॉलिटेक्निक के संसाधनों का दोहन करेंगे ताकि जब हम उनको बटालियनों में भर्ती करें तो बाद में ट्रेनिंग की जरूरत कम हो।

सेना में जवानों का औसत कार्यकाल फिलहाल 32 से 33 वर्ष है। नई योजना से इसे 26 वर्ष तक कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ये सैनिक, कठिन क्षेत्रों में ज्यादा चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम करने में सक्षम होंगे।

 मिशन अग्निपथ से क्या फायदा होगा! 
उपसेना प्रमुख ने बताया कि मिशन अग्निपथ के जरिए भारतीय सेना में उन युवाओं को मौका मिलेगा जो अधिक युवा होगा। फिट होगा और तकनीक के दृष्टिकोण से भी अधिक कुशल होगा। उन्होंने कहा कि इस योजना की खूबी ये भी है कि इसे धीमी गति से पेश किया जा रहा है।

पहले साल में 40 हजार रंगरूटों की बहाली की जाएगी। भारतीय सेना के आधुनिकीकरण की दिशा में ये बेहतर प्रयास है।