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रिम्स में मरीजों की देखभाल के लिए फाउंडेशन के साथ बनी सहमति, ये काम करेगी संस्था 

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रांची 

रिम्स (RIMS) में इलाज के बाद मरीजों की देखभाल के लिए झारखंड थैलेसीमिया फाउंडेशन (Jharkhand Thalassemia Foundation) के साथ एक करार किया गया है। करार फाउंडेशन के अध्यक्ष राहुल गुप्ता, सचिव अतुल गेरा और डॉ. रश्मी सिंह, एचओडी, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी की उपस्थिति में 3 साल के लिए किया गया। मौके पर रिम्स अधीक्षक डॉ. हिरेन बिरुआ के साथ समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया। संस्था रिम्स में परित्यक्त और आर्थिक रूप से कमजोर रोगियों को बिस्तर, उपचार, जांच, दवा, भोजन और सभी आवश्यक चिकित्सा आवश्यकताएं प्रदान करेगी। उनके उपचार और छुट्टी में तेजी लाने के लिए एक ग्रीन कॉरिडोर बनाएगी।

ये काम करेगी संस्था 
करार के मुताबिक फाउंडेशन रिम्स के अंदर छोड़े गए मरीजों की देखभाल दाताओं की सहायता प्रणाली से करेगा। इसमें मरीजों को अस्पताल की नर्सों की देखरेख में मौखिक दवा दी जायेगी। अस्पताल की नर्सों की देखरेख में उपचार के प्रयोजनों के लिए रिम्स के अंदर उपचार, जांच, दवा की सुविधा प्रदान की जायेगी। मिली खबर के अनुसार फाउंडेशन अपने दानदाताओं-  अनिल कुमार,  राजिंदर सिंह खुराल,  कुणाल अजमानी, संजय भाटिया, अर्पित जैन, शुभम साबू, डेवी बग्गा, रणजीत डोड, गौरव बागरॉय और अतुल गेरा के माध्यम से देखभाल करने वालों को वेतन का भुगतान करेगा। 

क्यों किया गया ये करार 

बता दें कि रिम्स राज्य का सबसे अस्पताल है। यहां पूरे राज्य से रेफर किए गए मरीज इलाज के लिए आते हैं। अधिकांश मरीज़ समाज के आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग से आते हैं। इनमें से कुछ को विभिन्न सामाजिक आर्थिक मुद्दों के कारण उनके परिवारों द्वारा त्याग दिया जाता है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। इन परित्यक्त मरीजों को बिस्तर पर देखभाल नहीं मिल पाती है। उनको दर्दनाक और चुनौतीपूर्ण समय का सामना करना पड़ता है। इसलिए इन रोगियों को बिस्तर पर देखभाल प्राप्त करने में मदद करने के लिए एक सहायता प्रणाली बनाने की आवश्यकता थी। साथ ही समाज में दयालु भाव से जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए जागरूकता भी पैदा की जायेगी।