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Ranchi : जेपी नड्डा से मिले आजसू प्रमुख सुदेश महतो, क्या होंगे इसके सियासी मायने! 

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डेस्क: 

आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। दरअसल, जेपी नड्डा झारखंड दौरे पर हैं। इसी दरम्यान राजधानी रांची स्थित गेस्ट हाउस में सुदेश महतो ने उनसे मुलाकात की। मुलाकात की तस्वीरें सुदेश महतो ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से शेयर की हैं। इन दो तस्वीरों में से एक मैं सुदेश महतो, जेपी नड्डा को पुष्प गुच्छ दे रहे हैं तो वहीं दूसरी तस्वीर में दोनों के बीच किसी बात पर मंत्रणा हो रही है। 

सुदेश महतो ने जेपी नड्डा के साथ तस्वीर साझा की
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ मुलाकात की तस्वीरें साझा करते हुए सुदेश महतो ने लिखा कि धरती आबा भगवान बिरसा की धरती पर स्वागत एवं अभिनंदन। आज भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय श्री जेपी नड्डा जी से राजकीय अतिथिशाला, रांची में मुलाकात की। इस दौरान राज्य की वर्तमान स्थिति तथा अन्य कई विषयों पर उनसे चर्चा हुई।

 

विश्वास रैली में शिरकत करने पहुंचे थे जेपी नड्डा
गौरतलब है कि जेपी नड्डा, बीजेपी एसटी मोर्चा द्वारा आयोजित भगवान बिरसा मुंडा विश्वास रैली में बतौर मुख्य अतिथि और वक्ता शिरकत करने रांची पहुंचे थे। यहां जेपी नड्डा ने हेमंत सरकार पर जमकर निशाना साधा। हेमंत सरकार पर झारखंड की विकास की गति को धीमा करने का आरोप लगाया। आरोप लगाया कि सरकार ने आदिवासियों के लिए कुछ नहीं किया। 

 

सुदेश महतो-जेपी नड्डा मुलाकात के सियासी मायने
सुदेश महतो की जेपी नड्डा के साथ सामने आई इस तस्वीर को देखकर झारखंड के सियासी गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म होगा ये तय है। झारखंड में जारी ताजा राजनीतिक हालात के बीच इस मुलाकात को लेकर चर्चा जरूर होगी। दरअसल, कभी एनडीए गठबंधन में सहयोगी रही आजसू पार्टी ने पिछली दफा विधानसभा चुनाव में अकेले मैदान में उतरने का फैसला किया था। बीजेपी को तो सत्ता गंवाना ही पड़ा, आजसू भी उल्लेखनीय प्रदर्शन नहीं कर पाई। 

उथल-पुथल भरा है झारखंड का मौजूदा सियासी हालात
झारखंड के मौजूदा राजनीतिक हालात की बात करें तो गाहे-बगाहे गठबंधन में शामिल झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के बीच खींचतान की खबर सामने आती रहती है चाहे वो भाषा का मुद्दा हो। खतियान का मुद्दा हो या हालिया राज्यसभा चुनाव। हर बार मामला सुलझा लिया गया लेकिन गठबंधन में असहजता महसूस की जा सकती है। कुछ महीने पहले झारखंड कांग्रेस का चिंतन शिविर हो या हालिया राज्यसभा चुनाव। दोनों पार्टियों के नेताओं ने एक-दूसरे के खिलाफ खुली बयानबाजी की है। 

इधर, भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरी सरकार भी बैकफुट पर है। कहा जाता है कि बीजेपी इसमें अपने लिए संभावनाएं तलाश सकती हैं जिसमें आजसू की भूमिका भी अहम होगी। देखना होगा, इस मुलाकात का निष्कर्ष क्या निकलता है।