रांची/ खूंटी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तत्परता से खूंटी जिले की एक आदिवासी वृद्धा महिला अलबीना मुंडू को न केवल उनका बिछड़ा परिवार मिला, बल्कि अब उन्हें वृद्धावस्था पेंशन और सरकारी आवास की सुविधा भी सुनिश्चित की गई है। यह कार्रवाई एक पत्रकार द्वारा किए गए ट्वीट के बाद शुरू हुई, जिसमें अलबीना की बदहाल स्थिति को उजागर किया गया था।
पत्रकार सोहन कुमार सिंह ने ट्विटर पर लिखा था कि मुरहू प्रखंड की कुदा पंचायत की 70 वर्षीय विधवा अलबीना मुंडू एक झोपड़ी में बेहद दयनीय हालत में रह रही हैं, जहां न आवास है, न पेंशन। जीवनयापन के लिए वह कटहल भापकर खाती थीं और इमली-करंज चुनकर स्थानीय हाट में बेचती थीं, ताकि नमक जैसी बुनियादी चीज़ें खरीद सकें। उनके शब्द और उनकी झोपड़ी झारखंड की जमीनी सच्चाई को बयान करते हैं।
.@DCkhunti उक्त मामले की जांच कर अलबीना मां को हर जरूरी सरकारी योजना से जोड़ते हुए सूचित करें। https://t.co/Qvd6OZZgxK
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) May 19, 2025
मुख्यमंत्री ने ट्वीट का संज्ञान लेते हुए खूंटी उपायुक्त को तुरंत राहत पहुंचाने का निर्देश दिया। इसके बाद जिला प्रशासन सक्रिय हुआ और अलबीना के हालात की त्वरित जांच करवाई गई। उपायुक्त ने बताया कि जांच में पारिवारिक विवाद सामने आया था, जिसे सुलझा लिया गया है। उन्होंने कहा, "अलबीना जी के बेटे और बहू को समझाकर उनके साथ रहने को राज़ी किया गया है।"
इसके अलावा उपायुक्त ने जानकारी दी कि—
• अलबीना मुंडू को वृद्धावस्था पेंशन स्वीकृत कर दी गई है।
• सरकारी आवास की स्वीकृति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
• परिवार को पहले से ही राशन कार्ड के ज़रिए खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ मिल रहा था।
अलबीना मुंडू जैसी महिलाओं की कहानी यह बताती है कि प्रशासन और समाज की थोड़ी सी संवेदनशीलता भी किसी की जिंदगी बदल सकती है।