रांची:
झारखंड कांग्रेस के 18 विधायक दिल्ली में है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सभी मंत्रियों और विधायकों को दिल्ली तलब किया है। कहा जा रहा है कि आरपीएन सिंह के जाने के बाद सरकार गिराने के कयासों को विराम देने तथा कांग्रेसी विधायकों की एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए राहुल गांधी ने सबको दिल्ली बुलाया है। बता दें कि पहले तो झारखंड कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दिया, इसके बाद गीताश्री उरांव पार्टी छोड़ गईं।
2 पूर्व प्रदेश अध्यक्षों की वापसी भी है मसला
हाल ही में पार्टी में दो पूर्व प्रदेश अध्यक्षों की वापसी हुई। सुखदेव भगत और प्रदीप बालमुचू वापस लौटे और कहा कि परिवार में लौटकर अच्छा लग रहा है। कांग्रेस हमारे डीएनए में है। हालांकि, पार्टी के सभी नेता इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते।
हाल ही में दिल्ली से लौटे कांग्रेस राज्यसभा सांसद धीरज साहू से पूछा गया कि हाल ही में पार्टी में लौटे 2 प्रदेश अध्यक्षों को कोऑर्डिनेशन कमिटि में शामिल कर लिया गया। क्या ये सही है, तो उन्होंने कहा कि आलाकमान का फैसला है। मैं क्या बोल सकता हूं। हालांकि, उन्होंने जाते-जाते ये जरूर कह दिया कि अब आ ही गये हैं तो अनुशासन में रहें।
अविनाश पांडे ने की थी मैराथन बैठक
गौरतलब है कि आरपीएन के जाने के बाद नए प्रभारी बने अविनाश पांडे को तत्काल रांची भेजा गया। उन्होंने लगातार बैठके कीं। मंत्रियों, नेताओं, विधायकों औऱ जिलाध्यक्षों से अलग-अलग मुलाकात की। कार्यकर्ताओं को भी सुना। नसीहत दी कि पार्टी में लोग अनुशासन में रहें। जो भी कहना हो पार्टी फोरम में कहें। यहां-वहां बयानबाजी ना करें।
शायद उनका इशारा जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी की तरफ था जिन्होंने नए प्रभारी के आते ही महज 8 घंटे बाद कह दिया था कि प्रभारी चापलुसों से घिर गये हैं। आरपीएन सिंह को बीजेपी का एजेंट कह दिया वहीं उन्हीं का हवाला देकर ये भी कह दिया कि कांग्रेस कोटे से मंत्रियों को लेकर ढाई-ढाई साल का फॉर्मूला तय किया गया था।
सरकार गिराने की साजिशें हो सकती हैं!
कयास हैं कि आरपीएन सिंह के जाने के बाद से ही कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को आशंका है कि बीजेपी यहां सरकार में सेंध लगाने की कोशिशें कर सकती है। यूपी का परिणाम यदि बीजेपी के पक्ष में आया तो ऐसा होना बहुत हद तक संभव है। यही वजह है कि राहुल गांधी ने सबको तलब किया है। झारखंड कांग्रेस के सभी विधायक दिल्ली पहुंच चुके हैं। उन्होंने राहुल गांधी से मुलाकात की। कहा जा रहा है कि राहुल गांधी सभी विधायकों से अलग-अलग बातचीत करेंगे।
कांग्रेस विधायक कर सकते हैं मन की बात
कांग्रेस के कई विधायकों, जैसे कि ममता देवी, पूर्णिमा नीरज सिंह, अंबा प्रसाद और दीपिका पांडेय सिंह को ये शिकायत रही है कि सरकार में उनकी नहीं सुनी जाती। पार्टी फोरम में भी बात मजबूती से नहीं रखी जा रही है। अधिकारी तक विधायकों की नहीं सुनते। सरकार कोई कार्रवाई भी नहीं करती। हो सकता है कि ये विधायक राहुल गांधी से अपने मन की बात करें। कहा जा रहा है कि विधायकों ने ही राहुल गांधी से अलग-अलग मुलाकात की इच्छा जताई थी।
राहुल गांधी से क्या निर्देश मिल सकता है
कहा ये भी जाता है कि पूर्व प्रभारी आरपीएन सिंह से विधायकों ने कई बार कहा था कि राहुल गांधी से मुलाकात करवा दीजिए लेकिन उन्होंने इसे अनसुना कर दिया। अविनाश पांडे नए प्रभारी बने। उन्होंने कई बैठकें कीं। सबसे मुलाकात की। हाल ही में झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने दिल्ली जाकर राहुल गांधी से मुलाकात की थी।
राजेश ठाकुर ने आकर बताया था कि राहुल गांधी से उनको निर्देश मिला है कि जनहित से जुड़े कामों को लेकर सहयोगी झारखंड मुक्ति मोर्चा पर दबाव बनाये। सदस्यता अभियान में तेजी लाई जाये। संगठन में अनुशासन बनाए रखा जाये।