रांची
झारखंड में जेपीएससी द्वारा हाल में जारी वन संरक्षक और वन क्षेत्र पदों की नियुक्ति को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर इस बहाली प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा है कि जेपीएससी ने चयन सूची तो जारी कर दी, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया गया कि चयन किस आधार पर हुआ। मरांडी के अनुसार, चयनित अभ्यर्थियों के प्राप्तांक, श्रेणीवार कट-ऑफ और मेरिट क्रम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी अपारदर्शिता से युवाओं में असंतोष बढ़ रहा है और यह पूरी प्रक्रिया संदेह के घेरे में आ गई है।
पत्र में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी हवाला दिया है जिसमें कहा गया है कि आयोगों को नियुक्तियों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए चयनित उम्मीदवारों के अंक सार्वजनिक करने चाहिए। बावजूद इसके, जेपीएससी ने अभ्यर्थियों के अंकों को छुपाकर प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा कर दिया है।
भाजपा नेता ने पत्र में यह भी चेताया है कि यदि सरकार और आयोग की नीयत साफ है, तो इन सूचनाओं को सार्वजनिक करने में देरी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने जल्द संज्ञान नहीं लिया, तो इस मुद्दे को वे विधानसभा से लेकर सड़क तक उठाएंगे। मरांडी ने यह भी जोड़ा कि झारखंड में प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर पहले भी विवाद हो चुके हैं, और इस बार भी वही स्थिति बन रही है। इससे अभ्यर्थियों का सरकारी व्यवस्था से भरोसा उठता जा रहा है। फिलहाल राज्य सरकार या जेपीएससी की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।