द फॉलोअप डेस्क
रामगढ़ के सेंट एंस स्कूल में नन्हे वैज्ञानिकों ने एक से बढ़कर एक चमत्कार किए। विज्ञान की मदद से छात्र-छात्राओं ने ऐसे ऐसे मॉडल बनाए, जिसे देखकर अतिथि चकित रह गए। सेंट एंस स्कूल में लगाया गया विज्ञान प्रदर्शनी सिर्फ यहीं तक ही सीमित नहीं रहा। यहां सभ्यता और संस्कृति की वह झलक दिखाई दी, जिसे आज की पीढ़ी को जानना बेहद जरूरी है। सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर झारखंड की संस्कृति तक को बच्चों ने बेहद खूबसूरती से परोसा। धरती पर मानव सभ्यता के विकास से लेकर अंतरिक्ष में होने वाली खगोलीय घटनाओं पर बच्चों ने अपनी प्रदर्शनी लगाई। एलकेजी यूकेजी के बच्चों ने भी हेल्दी फूड, अवर हेल्पर्स, एनिमल्स जैसे विषयों पर एक से बढ़कर एक मॉडल प्रस्तुत किए।
एक तरफ पांचवी कक्षा के छात्र-छात्राओं ने भारत की मातृभाषा पर आधारित संस्कृत श्लोक लोगों को सुनाएं। तो दूसरी ओर कंप्यूटर क्लास में बच्चों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से मिलने वाली मदद की जानकारी दी। क्लास 9 की 15 बच्चियों की टीम ने सिंधु घाटी सभ्यता का वर्णन किया। सिंधु नदी के किनारे किस तरह मानव सभ्यता का विकास हुआ, बाजार और घरों का निर्माण किस स्तर पर था और हमारा सामाजिक ढांचा किस तरीके से काम करता था। इसके अलावा वायु प्रदूषण, सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई, रोबोट, आर्ट एंड क्राफ्ट की प्रदर्शनी भी लोगों के आकर्षण का केंद्र रही।
सेंट एंस स्कूल कैथा में आयोजित दो दिवसीय आर्ट, क्राफ्ट एवं विज्ञान प्रदर्शनी का उद्घाटन विधायक ममता देवी ने किया। इस मौके पर बिहार राज्य के नवादा जिले से संत जोसेफ स्कूल के प्राचार्य फादर प्रभु दास, संत मेरी चर्च रामगढ़ के पादरी फादर कर्मा कच्छप भी मौजूद थे। विज्ञान प्रदर्शनी देखकर विधायक ममता देवी ने कहा कि बच्चों की शिक्षा का यह प्रदर्शन हर माता-पिता को भा रहा है। हर मां-बाप यह चाहते हैं कि उनके बच्चे को अच्छी शिक्षा मिले। आज जब अभिभावक यहां पहुंच रहे हैं तो वह अपने बच्चों को देखकर खुश हैं। उन्होंने सभी प्रतिभागियों और विद्यालय के छात्र-छात्राओं के उज्जवल भविष्य की कामना की।
कार्यक्रम में पहुंचे अतिथि फादर प्रभु दास ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से बच्चों में सृजन क्षमता बढ़ती है। वह आने वाले दिनों में एक अच्छे आविष्कार और वैज्ञानिक बन सकते हैं। हमारी सभ्यता और संस्कृति को भी बच्चों तक पहुंचना है। आगे की पीढ़ी भी इससे अछूती ना रहे इसलिए ज्ञान की धारा को लगातार बहते रहने देना है। इस मौके पर विद्यालय की प्रिंसिपल सिस्टर एनी पॉल, व्यवस्थापिका सिस्टर अनीशा, संत फ्रांसिस स्कूल और सेंट एंस स्कूल की सिस्टर, समस्त शिक्षक शिक्षिकाएं उपस्थित थीं।