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राज्य को फिर से अस्थिर करने कोशिश हो रही है, चुनाव आयोग के झारखंड दौरे पर जेएमएम ने उठाये ये सवाल

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रांची 

जेएमएम प्रवक्ता सुपियो भट्टाचार्य ने आज प्रेस वार्ता कर कहा कि राज्य को फिर से अस्थिर से करने की कोशिश हो रही है। कहा, लोकसभा चुनाव के बाद इस साल देश के 4 राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। कहा, इन राज्यों में हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र और हमारा राज्य झारखंड भी शामिल है। कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और भारत चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि जम्मू-कश्मीर में 30 सितंबर तक चुनाव करा लिये जायें। इसमें देरी न हो। इससे जाहिर होता है कि इस बार के विधानसभा चुनावों को लेकर सुप्रीम कोर्ट किस स्तर तक गंभीर है।  


सुप्रियो ने कहा कि विभिन्न मीडिया संस्थानों में खबरे चल रही हैं कि झारखंड में समय से पहले विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। शायद इसीलिए भारत चुनाव आयोग के अधिकारी इन दिनों झारखंड के दौरे पर हैं। कहा कि आयोग के अधिकारी राज्य के आला प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठकें कर रहे हैं। बताया कि बैठकें पतरातू के एक रिसॉर्ट में हो रही हैं। सुप्रियो ने रिसॉर्ट में बैठकर मीटिंग करने पर सवाल उठाये। कहा कि कुछ ही दिनों लोकसभा चुनाव में चुनाव आयोग की भूमिका पर सदन में सवाल उठाये गये थे। कहा, झारखंड में रिसॉर्ट में बैठकर आयोग के अधिकारियों का मीटिंग करने से लोकसभा में उठाये गये सवालों को बल मिलता है। कहा कि ये अगर एक पोलटिकल टुरिज्म है तो अलग बात है।  

सुप्रियो ने कहा, आने वाले महीने झारखंड के युवा के लिए उम्मीदों से भरे दिन हैं। कहा इसकी शुरूआत कल शुक्रवार होगी जब सीएमम हेमंत सोरेन 1500 पीजीटी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बाटेंगे। कहा हमारे पास आने वाले दिनों के लिए पहले से रोड मैप तैयार है। सरकार की कोशिश है कि जुलाई, अगस्त और फिर सितंबर तक नियुक्तियों का का कार्य पूरा कर लिया जाये। इसमें न्यायिक, शिक्षण संस्थान, हेल्थ औऱ पुलिस सेवा के पदों को भरा जाना है। कहां, हमने पिछले दिनों सरकारी और गैर सरकारी कुल एक लाख नौकरियां दीं। आने वाले दो या तीन माह में हम नौकरियां देने के अपने लक्ष्य को हासिल कर लेंगे। 

सुप्रियो ने कहा, लेकिन ऐसे समय में राज्य में इस तरह का मौहाल बनाना, ये संदेश देता है कि इस राज्य को राजनीतिक तौर पर फिर से अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है। कहा, ये ड्रामा पहले ईडी और सीबीआई के दावारा शुरू हुआ था, अब चुनाव भी इसमें कूद गया है। जब आम चुनाव लोकसभा का चुनाव एक माह पीछे ले जाकर किया गया, तो फिर ऐसा कौन सा पहाड़ टूट पड़ा कि यहां विधानसभा चुनाव समय से पहले ही हो जायें। उन्होंने आगे कहा, आप सब जानते है कि अभी आषाढ़ का महीना चल रहा है। आषाढ़ के बाद सावन होता है जो इस राज्य के बेहद अहम महीना है। इस महीने में देश विदेश के करोड़ों लोग बाबा बैजनाथ धाम में जल चढ़ाने के लिए कांवर लेकर आते हैं। कहा, ये मानसून का भी मौसम है। हमारे यहां मानूसून लेट है। हम सुखाड़ की ओऱ बढ़ रहे हैं। हमें इन सबका प्रबंधन करना है। लेकिन ऐसे समय में चुनाव आयोग की गतिविधियों से लगता है कि राज्य को फिर से अस्थिर करने की कोशिश हो रही है।  


 

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