द फॉलोअप डेस्क
ईचाक प्रखंड के डुमरांव में सरकारी स्कूल के बाउंड्री को गुंबज का स्वरूप देने पर उभरा विवाद
झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सोमवार को प्रतिपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी और विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो सदन में ही उलझ गए। स्पीकर ने कहा कि राज्य के पहले सीएम रहे बाबूलाल मरांडी से वह अच्छे विचार की अपेक्षा करते थे। लेकिन इन्होंने आसन पर ही आपेक्ष लगा दिया। आसन पर आक्षेप लगाने का इनका पहले से चरित्र रहा है। स्पीकर बाबूलाल मरांडी से कहते चले गए-आपसे भले ही मेरा विचार नहीं मिलता, लेकिन आपके प्रति भयंकर श्रद्धा थी। मामला भाजपा विधायक अमित यादव के सदन में दिए एक बयान पर भड़का। अमित यादव का कहना था कि उनके विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ईचाक के डुमरांव स्थित सरकारी स्कूल की बाउंड्री को गुंबद का स्वरूप दे दिया गया है। किसी स्कूल या उसकी बाउंड्री को मंदिर या मस्जिद का स्वरूप देना कहीं से उचित नहीं है। यह एक साल में नहीं किया गया। डीसी,डीएसई व सरकार के शीर्ष स्तर पर इसकी शिकायत किए जाने के बाद भी तीन साल में यह काम किया गया।
इस पर स्पीकर अमित यादव को नसीहत दी। उन्होंने कहा कि सदन में किसी बात को रखने से पहले सदस्य को उसके तथ्यों की जानकारी ले लेनी चाहिए। किसी बात को जेनेरेलाइज नहीं करना चाहिए। सदस्य सदन में इस तरह की बात नहीं करें। वह इसे टोलेरेट नहीं करेंगे। सदन को राजनीति का प्लेटफॉर्म नहीं बनाएं। इसके बाद बाबूलाल मरांडी भी खड़े हो गए। उन्होंने स्पीकर को इंगित करते हुए कहा कि सत्ता पक्ष के मंत्री व सदस्यों को वह संरक्षण दे रहे हैं। विपक्ष को नहीं। गुंबद तोड़ने की भी बात हुई थी। एसडीओ भी गए थे। मथुरा में औरंगजेब ने क्या किया था, काशी में क्या किया गया, यह सब कोई छुपा नहीं है। उन्होंने कहा कि साफ साफ दिखता है कि उधर भी राजनीति हो रही है, इधर भी राजनीति हो रही है। स्पीकर भी राजनीति कर रहे हैं। इसी मुद्दे पर बात बिगड़ गयी और बाबूलाल और स्पीकर के बीच बातें तीखी हो गयी।