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Ranchi : ये सरकार है या सर्कस! सुदिव्य सोनू पर लगे आरोपों पर बोले बाबूलाल

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डेस्क: 

पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर तीखा निशाना साधा है। बाबूलाल मरांडी ने गिरिडीह से झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू पर लगे चुनावी हलफनामें में जानकारियां छुपाने के आरोपों को लेकर हेमंत सरकार को घेरा है।

गौरतलब है कि सुदिव्य सोनू पर 2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान दाखिल किए गये चुनावी हलफनामे में ये भूखंड की जानकारी छिपाई। यही नहीं। उन्होंने इसका भी जिक्र नहीं किया कि वे एक कंपनी के निदेशक और दूसरी कंपनी के अतिरिक्त निदेशक हैं। पत्नी की संपत्ति भी छिपाई। 

शपथ पत्र में जानकारियां छिपाने का लगा है आरोप
इस संबंध में बाबूलाल मरांडी ने अपने ऑफिशियल ट्विटर पर लिखा कि सीएम हेमंत सोरेन उनके भाई, मंत्री और अब गिरिडीह विधायक पर भी चुनाव के दौरान शपथ पत्र में जानकारियां छिपाने का आरोप है। ये सरकार है या सर्कस? मंत्री विधायक, व्यापारी और कंपनियों का हिस्सेदार निकल रहा है। अब कहीं सीएम साहब इसे भी स्वरोजगार सृजन बताकर खुद की पीठ न थपथपा लें!

 

गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार पर लगे हैं आरोप
बता दें कि गिरिडीह से झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई गई है। सुदिव्य कुमार सोनू पर चुनावी हलफनामे में अपनी और पत्नी की संपत्ति से संबंधित जानकारी छिपाने का आरोप लगा है। आरोप है कि विधायक ने 2019 के विधानसभा चुनाव में नामांकन के दौरान दाखिल हलफनामेम में पत्नी की संपत्ति की जानकारी छिपाई।

विधायक ने ये बात भी छिपाई कि वे एक कंपनी में निदेशक हैं। अचल संपत्तियों के बारे में सुदिद्व कुमार ने ग्राम महथाडीह में गैर  कृषि भूमि का जिक्र किया है लेकिन इसी गांव में 2 अन्य भूखंड की जानकारी नहीं दी। 

दो कंपनियों के निदेशक हैं विधायक सुदिव्य सोनू
आरोप में दावा किया गया है कि विधायक सुदिव्य सोनू 24 जून 2010 से मां तारा हाइटेक इंटरप्राइजेज के प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं। सुदिव्य कुमार नभ मोटर्स प्राइवेल लिमिटेड कंपनी के भी अतिरिक्त निदेशक हैं। सुदिव्य कुमार की पत्नी श्वेता शर्मा 25 सितंबर 2013 से कालिका वाहन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की निदेशक हैं।

गौरतलब है कि इससे पहले मंत्री मिथिलेश ठाकुर और वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव पर भी जानकारी छिपाने का आरोप लग चुका है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके छोटे भाई दुमका विधायक बसंत सोरेन पर लगा ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का मामला आयोग में विचाराधीन है।