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रात 10 से सुबह 6 बजे तक बैंड पर बैन, लाउडस्पीकर भी नहीं; साउंड पॉल्यूशन पर हाईकोर्ट का एक्शन

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द फॉलोअप टीम, रांचीः 
इन दिनों शादी-ब्याह, बर्थडे या बारात में लोग देर रात तक लाउड स्पीकर और डीजे बजाते हैं। इससे स्थानीय लोगों को तो परेशानी होती ही है, इसके साथ ही ध्वनि प्रदूषण भी काफी अधिक हो रहा है। इसको लेकर झारखंड हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था। जिसपर झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा एवं जस्टिस आनंद सेन की बेंच ने सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक बैंड, बाजा, लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर पूरी तरह प्रतिबंध है। बता दें कि हाईकोर्ट ने इस मामले पर सरकार को गंभीरता और सख्ती से कार्रवाई करने को कहा है। अदालत ने सभी डीसी को इस संबंध में निर्देश दिया। साथ ही सरकार को ले प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। अब इस मामले में 5 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी। 


क्या है गाइडलाइन 
कोर्ट ने कहा है कि त्योहारों के अवसर पर ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण नियमावली के तहत रात 12 बजे तक छूट दी जा सकती है, लेकिन रात 12 बजे के बाद किसी तरह की मर्सी नहीं दिखाई जाएगी। इसके साथ ही अदालत ने अस्पतालों और नर्सिंग होम के 100 मीटर के दायर को साइलेंट जोन घोषित बनाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि पब्लिक प्लेस पर बजने वाले डीजे और लाउड स्पीकर की आवाज 10 डेसीबल से अधिक नहीं होना चाहिए। निजी स्थानों के लिए यह सीमा पांच डेसिबल होनी चाहिए 

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