रांची
सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने झारखंड में चुनाव की घोषणा को लेकर भारत निर्वाचन आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा किया है। झामुमो के महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने प्रेस बयान जारी कर कहा है कि आखिर चुनाव आयोग ने इतनी जल्दबाजी में झारखंड में चुनाव की घोषणा क्यों की है। महाराष्ट्र में चुनाव समय पर हो रहे हैं, क्योंकि महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को पूरा हो रहा है। पंचम झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 को पूरा होगा। चुनाव आयोग की घोषणा से एक दिन पहले असम के मुख्यमंत्री व BJP के चुनाव सह प्रभारी हिमंता विस्व सरमा ने यह बता दिया था कि मंगलवार को चुनाव आचार संहिता लग जाएगा। इससे दो प्रश्न उठते हैं। एक चुनाव आयोग BJP के निर्देश पर चल रहा है, या दूसरा चुनाव आयोग के फैसले की जानकारी BJP को पहले मिल जाती है।
कहा, दोनों की स्थिति में चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था की विश्वसनीयता पर प्रश्न खड़ा होता है। उन्होंने कहा कि कहीं न कहीं BJP में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बढ़ती लोकप्रियता और उनके नेतृत्व में इंडिया गठबंधन की सरकार में जनहित में लिए जा रहे ऐतिहासिक निर्णयों से BJP घबरा गई है। यही वजह है कि हेमंत सोरेन को अपना कार्यकाल पूरा नहीं करने दिया जा रहा है। जनादेश से बनी इंडिया गठबंधन की सरकार को गठन के एक घंटे बाद से ही BJP तमाम तरह के असंवैधानिक, अनैतिक हथकंडे अपनाकर अपदस्थ करने का षड़यंत्र रचती रही है। यह बात किसी से छुपी नहीं है। जनता को BJP के एक-एक षड़यंत्र की जानकारी है। राज्य के परिपक्व मतदाता BJP को विधानसभा चुनाव में सबक सिखाएंगे।
विनोद पांडेय ने कहा कि हाल में मुख्य चुनाव आयुक्त के नेतृत्व में आयोग की टीम ने झारखंड का दौरा किया था। विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ झामुमो ने भी दीपावली, छठ महापर्व को मद्देनजर रखते हुए इसके बाद चुनाव कराने का आग्रह किया था। इसके अलावा राज्य गठन के मद्देनजर 15 नवंबर को स्थापना दिवस के बाद चुनाव कराने का अनुरोध किया भी किया गया था। हरियाणा में त्योहार के मद्देनजर चुनाव की तारीख बढ़ाई गई, लेकिन झामुमो के किसी आग्रह को चुनाव आयोग ने नहीं माना। इतनी जल्दबाजी की वजह सभी समझ रहे हैं और BJP को इसका जवाब मिलेगा। समय से पहले चुनाव कराने का जवाब जनता हेमंत सोरेन को फिर से पांच साल के लिए सत्ता सौंप कर देगी।