द फॉलोअप डेस्क, बोकारो:
मंगलवार को कैबिनेट की मीटिंग में हेमंत सोरेन सरकार ने केंद्रीय एजेंसियों के समन पर पदाधिकारियों के लिए जो गाइडलाइन जारी की है, उसे लेकर सियासत गरमा गई है। नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने इसे भ्रष्टाचारियों के लिए कवच तैयार करने की कोशिश बताया। बोकारो में मीडिया से मुखातिब अमर बाउरी ने कहा कि सरकार भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने के लिए यह सुरक्षा कवच दे रही है। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार चाहे जितने प्रयास कर ले, मोदी सरकार में कोई भ्रष्टाचारी नहीं बचेगा। दरअसल, मंगलवार को अधिकारियों के लिए जारी गाइडलाइन में राज्य की हेमंत सोरेन सरकार ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों के समन पर पदाधिकारियों को पहले इसकी सूचना अपने वरीय अधिकारी या संबंधित विभाग को देनी होगी। विभाग इसकी सूचना मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग को देगा। इस पर विधिक सलाह के बाद ही एजेंसी पूछताछ कर सकती है।
मोदी सरकार में भ्रष्टाचार नहीं चलेगा!
अमर बाउरी ने सरकार के इस गाइडलाइन की आलोचना करते हुए कहा कि वे न भूलें कि केंद्र में यूपीए नहीं बल्कि मोदी की सरकार है। अधिकारियों में भी कानून का डर होना चाहिए। सरकार का फैसला बताता है कि वो कितना डरी हुई है। गौरतलब है कि बाबूलाल मरांडी ने भी सरकार के इस कदम की आलोचना की है।
सरकार ने अपनी गाइडलाइन में क्या बताया
सरकार ने अपने फैसले में कहा है कि बाहरी जांच एजेंसियां किसी सक्षम प्राधिकार को सूचित किए बिना पदाधिकारियों को समन करती है। उनसे दस्तावेज मांगती है। सरकारी दस्तावेजों का इस तरह पेश किया जाना नियमानुकूल नहीं है। इससे जांच एजेंसियों की कार्रवाई भी प्रभावित होती है। अत अब किसी पदाधिकारी को समन किया जाता है तो वह पहले विभागीय प्रधान या वरीय पदाधिकारी को सूचित करेगा। विभाग इसकी जानकारी मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग को देगा जो कि इस आशय के लिए नोडल विभाग नियुक्त किया गया है। सरकार विधिक सलाह लेगी। इसके बाद ही पदाधिकारी पेश होगा या दस्तावेज दिखाएगा।