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बाबूलाल मरांडी के सामने ही BJP के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गये, मसला सम्मान का था!

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द फॉलोअप डेस्क, रांची:

धनबाद में बीजेपी कार्यकर्ताओं के सम्मान समारोह में बाबूलाल मरांडी के सामने ही धनबाद विधायक राज सिन्हा और धनबाद के सांसद ढुल्लू महतो के समर्थकों के बीच भिड़ंत हो गई। मसला सम्मान का था। बताया जाता है कि सही सम्मान नहीं देने का आरोप लगाते हुए विधायक और सांसद के समर्थकों में बहस हो गई। खूब हो हल्ला हुआ। कार्यकर्ता आपस में झड़प पर उतारू थे जबकि, मंच पर प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, सांसद ढुल्लू महतो और विधायक राज सिन्हा सहित पार्टी के कई बड़े पदाधिकारी थे। दरअसल, कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि चुनिंदा लोगों को ही सम्मानित किया जा रहा है। मेहनत तो सबने की थी। 

बीजेपी अपने कार्यकर्ताओं को कर रही सम्मानित
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी, बीजेपी, लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन की खातिर कार्यकर्ताओं को सम्मानित कर रही है। बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं का अभिनंदन किया जा रहा है। दरअसल, ये आइडिया, झारखँड में चुनाव प्रभारी बनाये गये केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का था जिनका मानना है कि चुनाव में असली लड़ाई कार्यकर्ता ही लड़ता है। बूथ मजबूत तो पार्टी मजबूत। इस फॉर्मूले को कार्यकर्ता ही अमली जामा पहनाता है। इसलिए उनका सम्मान और अभिनंदन जरूरी है। इसी सिलसिले में बीजेपी की झारखंड इकाई अलग-अलग संसदीय सीट पर कार्यकर्ताओं का अभिनंदन औऱ सम्मान कर रही है लेकिन, इसमें भी सिर फुट्टवल की नौबत आ गई है। हालांकि, ये पहली बार नहीं है। इससे पहले लोकसभा चुनाव में 3 सीटें गंवाने की वजह तलाशने के लिए हो रही समीक्षा बैठकों में भी बीजेपी के कार्यकर्ता आपस में भिड़े। दुमका, गोड्डा और देवघर से शीर्ष नेतृत्व के लिए परेशान करने वाली तस्वीरें सामने आई थी।

धनबाद के न्यू टाउन हॉल में भिड़ गये कार्यकर्ता
ताजा मामला धनबाद का है। यहां न्यू टाउन हॉल में धनबाद विधानसभा अभिनंदन सह विजय संकल्प सभा का आयोजन किया गया था। बाबूलाल मरांडी मुख्य अतिथि थे। सांसद ढुल्लू महतो और विधायक राज सिन्हा भी मंच पर मौजूद थे। कुछ कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया। कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि चुनिंदा कार्यकर्ता सम्मानित किये जा रहे हैं। हमारी मेहनत और समर्पण नजरअंदाज किया गया। इस कलह की वजह से आधे घंटे तक सम्मान समारोह संग्राम समारोह जैसा लगने लगा। ढुल्लू महतो ने किसी तरह से उनको शांत कराया। तब कहीं, बाबूलाल मरांडी भाषण दे पाये। जिस पार्टी के अनुशासन की मिसालें दी जाती है, उसमें प्रदेश अध्यक्ष के सामने कार्यकर्ता भिड़ने लगें। ये तो चिंता की बात है ही। वो भी तब जबकि विधानसभा चुनाव महज 2 महीने दूर है।  

बीजेपी में अंतर्कलह से चिंता में पार्टी का शीर्ष नेतृत्व
बता दें कि झारखंड बीजेपी में नेताओं के बीच का अंतकर्लह अब कार्यकर्ताओं के बीच भी पनपने लगा है। सीता सोरेन की सुनील सोरेन, रणधीर सिंह और लुईस मरांडी के खिलाफ बयानबाजी कौन भूल सकता है। इसपर रणधीर और लुईस मरांडी का पलटवार भी याद होगा। यहां आरोप राजनीतिक से नीचे व्यक्तिगत हो गये थे। बिकने-बिकाने तक की बातें हुई। सीता सोरेन ने तो प्रदेश के नेतृत्व पर ही सवाल खड़ा कर दिया था। देवघर में गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे के कथित समर्थकों ने देवघर के विधायक नारायण दास को कथित तौर पर गालियां दी। दुमका में राज्यसभा सांसद आदित्य साहू के साथ भी धक्का मुक्की हो गई।

अब धनबाद में कार्यकर्ताओं का यूं भिड़ना, निश्चित रूप से आगामी चुनाव के लिहाज से अच्छा नहीं है। अब तो पार्टी को तय करना है। रायता कैसे समेटेगी। 

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